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Gaganyaan: ISRO ने किया HS200 का सफल परीक्षण, दुनिया के सबसे बड़े Rocket Booster में एक है यह 

ISRO ने अपने रॉकेट बूस्टर HS200 का पहला परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. इसका परीक्षण श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से हुआ

Gaganyaan: ISRO ने किया HS200 का सफल परीक्षण, दुनिया के सबसे बड़े Rocket Booster में एक है यह 
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डीएनए हिंदी: भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की सेवा देने वाला मुख्य संस्थान इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (ISRO ) ने अपने रॉकेट बूस्टर (Rocket Booster) HS200 का पहला परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. इसका परीक्षण श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से शुक्रवार को सुबह 7:20 पर हुआ. यह बूस्टर पहले से मौजूद 'S200' बूस्टर का नया अपडेटेड वर्जन है. 'S200' बूस्टर  इस्तेमाल इंडियन स्पेस एजेंसी के सबसे भारी रॉकेट GSLV Mk3 के लिए हो रहा है.

कार्गो रॉकेट को अपग्रेड कर बनाया जा रहा है Astronauts के लायक़ 
शुक्रवार को किया हुआ Rocket Booster परीक्षण ह्यूमन रेटिंग प्रोसेस के क्रम में किया हुआ परीक्षण था. इन परीक्षणों में एजेंसी GSLV Mk3 रॉकेट को बेहतर और इतना उपयोगी बना रही है कि वह अंतरिक्ष यात्रियों की अंतरिक्ष यात्राओं में काम आ सके. वास्तव में GSLV Mk3 वर्तमान में केवल एक कार्गो रॉकेट है जिसका काम सैटेलाइट को अंतरिक्ष तक ले जाना है. अब इसे इतना बेहतर बनाया जा रहा है कि यह एस्ट्रोनॉट्स को सुरक्षित ढंग से अंतरिक्ष ले जा सके. गौरतलब है कि यह परीक्षण भारत के गगनयान ह्यूमन स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम का एक हिस्सा है. 

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टेस्ट में चेक किए गए 700  पैरामीटर
इस प्रोग्राम को देख रहे डॉक्टर नायर के मुताबिक़ उनकी टीम S200 रॉकेट बूस्टर(Rocket Booster) में 2019 से बदलाव लाने की कोशिश में लगी हुई थी. पूरी टीम कई तरह के अपग्रेड पर काम कर रही थी, मसलन चैंबर प्रेशर घटाना, लीक-प्रूफ बनाना, अधिक मार्जिन रखना और इसकी रिलेटिबिलिटी बढ़ाना, सब ह्यूमन रेटिंग प्रॉसेस का हिस्सा है. उन्होंने बताया कि कुल 700 पैरामीटर जोड़े गए हैं जिनका ध्यान टेस्ट के वक़्त रखा गया. गौरतलब है कि GSLV Mk3  तीन स्टेज वाला रॉकेट है. S200 इसका पहला स्टेज है जो सॉलिड फ्यूल से संचालित होता है. L110 दूसरा स्टेज है जो लिक्विड फ्यूल पर चलता ही और C25 तीसरा स्टेज है जोकि क्रायोजेनिक है. तीसरा स्टेज अपना काम करते हुए सैटेलाइट या फिर अंतरिक्ष यात्रियों वाले कैप्सूल को उपयुक्त ऑर्बिट में उतार देता है. 
टीम के मुताबिक़  HS200 की टेस्ट फायरिंग में 203 टन ईंधन का इस्तेमाल हुआ. यह बूस्टर 20 मीटर लंबा है और इसकी चौड़ाई 3.2 मीटर है. इस सफल परीक्षण से ISRO अपने गगनयान अभियान की सफलता के थोड़ा और करीब पहुंच गया है. 

परीक्षण का वीडियो यहां देखें - 
 

#Video #Thread : That's 200+tons of Hydroxyl-terminated Polybutadiene burning in a Rocket engine!
Today, #isro successfully completed test of human-rated S200 Solid-fuel Rocket booster
2xS200 is the 1st stage of GSLVMk3 #rocket that will take #Indian #astronauts to #space @isro pic.twitter.com/POJuOtvDc2

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