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Uric Acid Remedy: बासी मुंह इस पत्ती को चबाते ही ब्लड से निकल जाएगा यूरिक एसिड, हड्डियों का घिसना भी रूकेगा

यूरिक एसिड अगर आपके ब्लड में बढ़ गया है तो आपके लिए एक हरा पत्ता अमृत के समान काम करेगा, इस पत्ते को चबाने से गठिया का दर्द भी दूर होगा.

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Uric Acid Remedy: बासी मुंह इस पत्ती को चबाते ही ब्लड से निकल जाएगा यूरिक एसिड, हड्डियों का घिसना भी रूकेगा

Uric Acid Remedy: बासी मुंह इस पत्ती को चबाने से दूर होगा यूरिक एसिड

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डीएनए हिंदीः शरीर में प्यूरीन की मात्रा बढ़ने पर किडनी पर प्रेशर पड़ता है और जब किडनी इसे सही से यूरिन के जरिए इसे शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती है तो गंदा पदार्थ ब्लड में घुलने लगता है. नतीजा यूरिक एसिड का स्तर हाई होता है और ये हड्डियों के बीच गैप में जमने लगता है और हड्डियों को घिसने लगता है. 

हड्डियों के बीच में जमा ये क्रिस्टल ज्वाइंट्स के लिगामेंट्स को नुकसान पहुंचाते हैं. इन सारी ही समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि यूरिक एसिड के कम किया जाए. अगर आपके शरीर मे यूरिक एसिड ज्यादा है तो आपके लिए पान का पत्ता रामबाण दवा का काम करेगा.

शरीर में प्यूरीन की मात्रा को कम करता पान का पत्ता

पान (पाइपर बेटल) के पत्ते और ब्रेडफ्रूट (आर्टोकार्पस एटिलिस) के पत्तों में प्राकृतिक पदार्थ होते हैं जो यूरिक एसिड के स्तर को कम कर सकते हैं. पान के पत्तों में अपार चिकित्सीय क्षमता होती है जो चरक संहिता, सुश्रुत संहिता की प्राचीन आयुर्वेदिक पांडुलिपियों में विस्तृत है. पान के पत्ते उष्ण वीर्य या शक्ति के साथ शरीर में गर्मी पैदा करते हैं. इसके अलावा ये पेट और आंतों में पीएच असंतुलन को सही करते हैं इससे न केवल मेटाबॉलिज्म एक्टिव होता है बल्कि ये यूरिक एसिड को ब्लड में घुलने से रोकता है और  किडनी की फिल्टर क्षमता को बेहतर कर शरीर में प्यूरीन की मात्रा को कम करता है.

पान का पत्ते में सूजन-रोधी यौगिकों का खजाना

पान के पत्तों में सूजन-रोधी यौगिकों का खजाना पाया जाता है, जो जोड़ों में बेचैनी और दर्द को काफी कम कर देता है - कई पुरानी दुर्बल करने वाली बीमारियों जैसे रूमेटाइड आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस आदि को जड़ से खत्म करने की शक्ति इसमें समाहित है. प्रभावित हड्डियाें  जोड़ों के दर्द, सूजन की तीव्रता को इस पत्ते का रस काफी कम कर देता है. गठिया की नेचुरल दवा है ये.

यूरिक एसिड के मरीज यूं करें पान के पत्ते का सेवन
यूरिक एसिड के मरीजों को बस रोजाना पान के पत्ते चबा चाहिए. इससे आपका यूरिक एसिड लेवल कम हो सकता है। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि इस दौरान किसी भी तरह के तंबाकू का सेवन न करें.

किस समय लेना है फायदेमंद

पान के पते को सुबह खाली पेट खाना बेहतर होता है. इसे चबाकर या इसके रस को भी पिया जा सकता है. बस इसे लेने के कम से कम दो घंटे तक कुछ और चीज न लें.  आप चाहें तो खाना खाने के बाद भी इसे चबा सकते हैं. इससे शरीर मे प्यूरीन यूरिन के जरिए बाहर निकल जाएगा. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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