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Shaligram Shila: शालिग्राम नहीं देव शिला है अयोध्या पहुंचा पत्थर, वैज्ञानिकों का दावा- लोहे के औजार से नहीं कटेगी शिला

Shaligram Shila: नेपाल से लाई गई शालिग्राम शिलाएं इन दिनों खूब सुर्खियों में हैं. यह दावा रहे है कि इस शिला से ही भगवान राम की प्रतिमा बनाई जाएगी.

Shaligram Shila: शालिग्राम नहीं देव शिला है अयोध्या पहुंचा पत्थर, वैज्ञानिकों का दावा- लोहे के औजार से नहीं कटेगी शिला

शालिग्राम शिला

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डीएनए हिंदी: हिंदूओं के आराध्य भगवान श्री राम (Shri Ram) की जन्मभूमी अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण शुरू हो चुका है. राम जन्मभूमी पर राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण सैकड़ों वर्षों के विवाद और कई बलिदानों के बाद शुरू हुआ है. राम मंदिर (Ram Mandir) जनवरी 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा. यहां भगवान श्री राम जनवरी 2024 यानी करीब 11 महीने बाद गर्भ ग्रह में विराजमान हो जाएंगे. राम मंदिर (Ram Mandir) में भगवान की प्रतिमा बनाने के लिए एक दावा किया जा रहा है. 

दरअसल यह दावा किया जा रहा है कि हाल ही में नेपाल से लाई गई शालिग्राम (Shaligram) शिला से भगवान श्री राम जी (Shri Ram) की प्रतिमा बनाई जाएगी. इसी वजह से नेपाल से लाई गई यह शालिग्राम (Shaligram) शिलाएं इन दिनों खूब सुर्खियों में हैं. नेपाल के काली गंडक नदी से दो बड़ी शालिग्राम (Shaligram) शिलाएं अयोध्या लाई गई है. इनमें से एक 26 टन की है और दूसरी 14 टन की है. हालांकि इन शिलाओं पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. 

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जानें क्या है मामला
नेपाल से दो शिलाएं अयोध्या लेकर आई गई हैं. इन शिलाओं को अयोध्या के रामसेवकपुरम में रखा गया है. अयोध्या पहुंची इन शिलाओं को धार्मिक महत्व देते हुए साधु-संत और हिंदू लोग खूब पूज रहे हैं. इन शिलाओं से राम जी के साथ चारों भाइयों की प्रतिमा बनाने की बात के बाद लोगों ने इन्हें प्रतिमा बनने से पहले ही पूजना शुरू कर दिया है. वैज्ञानिकों ने इन शिलाओं को शालिग्राम नहीं बल्कि देव शिलाएं बताया है. यह भी बताया है कि यह देव शिला लोहे के औजारों से भी नहीं कटेगी. 

आसान नहीं है देव शिला पर नक्काशी करना
इस शिला पर कई महीनों तक रिसर्च किया गया है. भूगर्भीय वैज्ञानिक डॉ. कुलराज चालीसे ने बताया कि इस शिला पर पिछले 7 महीनों से उनकी टीम रिसर्च कर रही थी. जब इन शिलाओं से श्रीराम की मूर्ति बनाने और इन्हें अयोध्या लाने की बात हुई थी तभी से इन पर रिसर्च किया जा रहा था. रिसर्च में पता चला है कि यह शिलाएं बहुत ही अनमोल हैं. यह कोई सामान्य नहीं बल्कि देव शिलाएं हैं. राम जी की प्रतिमा के लिए इन शिलाओं का प्रयोग किया जाएगा. यह देव शिला 7 हार्नेस की है जबकि लोहे के अंदर 5 हार्नेस होते हैं. ऐसे में इन्हें लोहे से काटना और इन पर नक्काशी करना बहुत मुश्किल है. इन्हें काटने के लिए हीरा काटने वाले औजारों का प्रयोग करना पड़ेगा.

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