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आर्थिंक तंगी या बच्चों को लेकर हैं परेशान तो जन्माष्टमी पर आजमाएं बांसुरी के 4 उपाय, खत्म हो जाएंगी सभी समस्याएं

भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी सबसे प्रिय है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके यह बांसुरी कैसे आई. आइए जानते हैं श्रीकृष्ण के पास बांसुरी आने से लेकर उसके उपाय, जिन्हें आजमाते ही समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा.

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आर्थिंक तंगी या बच्चों को लेकर हैं परेशान तो जन्माष्टमी पर आजमाएं बांसुरी के 4 उपाय, खत्म हो जाएंगी सभी समस्याएं
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Janmasthami Murli Ke Upay: जन्माष्टमी के त्योहार की तैयारियां शुरू हो गई है. भारत समेत दूसरे कई देशों में इस त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना करने के साथ ही उनके लिए अलग अलग भोग लगाएं जाते हैं. खासकर मथुरा वृंदावन में कृष्ण जन्माष्टमी के तैयारी बहुत ही जोर शोर से की जाती है. उनके भोग प्रसाद से लेकर प्रिय चीजों को भगवान के पास रखा जाता है. इन्हीं में से एक भगवान की सबसे प्रिय चीज बांसुरी है. यह भगवान की सबसे प्रिय थी. कान्हा जब भी मस्ती में होकर मुरली बजाते थे तो उनकी मधुर धुन सुनकर हर कोई उसी में रम जाता था. जीव जंतु भी खिंचे चले आते थे. ज्योतिष के अनुसार, मुरली की धुन आपके जीवन में भी सुख समृद्धि ला सकती है. इसके लिए आपको जन्माष्टमी पर मुरली के कुछ उपाय करने होंगे, जिसके बाद जीवन में कई अच्छे बदलाव देखने को मिल सकते हैं. आइए जानते हैं मुरली के उपाय से लेकर भगवान को प्राप्त होने वाली इस मुरली की कथा...

कान्हा जी को ऐसे मिली मुरली

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण विष्णु के आठवें अवतार हैं. उन्होंने दुष्टों का संहार करने के लिए द्वापर में श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लिया था, उनके जन्म के बाद तमाम देवी देवता उनके दर्शन के लिए अलग अलग रूप धारण कर धरती लोक पर आएं थे. इन्हीं में से एक महादेव भी थे, जो श्रीकृष्ण के बाल रूप को देखना चाहते थे. इसके लिए महादेव खुद वेष बदलकर धरतीलोक पर आ गये. 

उपहार के रूप में दी श्रीकृष्ण को बांसुरी 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान शिव श्रीकृष्ण का बालरूप देखने धरती पर आए तो उनके मन में उपहार देने की इच्छा हुई, लेकिन वह असमंजस में पड़ गये कि भगवान को क्या दें. बहुत मंथन करने के बाद भगवान शिव ने महर्षि दधीचि की शक्तिशाली हड्डी को घिसकर एक बांसुरी का निर्माण किया. इसके बाद भेष बदलकर महादेव ने कान्हा जी के दर्शन कर उन्हें बांसुरी दी. उस बांसुरी और भोलेनाथ को देखकर बाल स्वरूप में मौजूद भगवान कृष्ण भी मुस्करा उठे. इसके बाद वह मुरली कान्हा जी की पहचान बन गई.

जन्माष्टमी पर करें बांसुरी के उपाय (Shri Krishna Murli Upay) 

अगर आप किसी तनाव या मानसिक परेशानियों से जूझ रहे हैं तो घर या फिर कार्यस्थल के मुख्य द्वार पर 2 2 बांसुरी दीवार लटका दें. ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियां का प्रभाव खत्म हो जाता है. मानसिक रूप से शांति प्राप्त होती है. तनाव खत्म हो जाता है. सकारात्मकता बढ़ती है. 

अगर आप किसी भी तरह के कर्ज से परेशान हैं. आर्थिंक स्थिति खराब होती जा रही है तो घर के मंदिर में एक बांसुरी लेकर लटका दें. ऐसा करने से घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है. भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है. सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं और इनकम के नये सोर्स तैयार होते हैं. 

अगर आप पैसों तंगी झेल रहे हैं. खूब पैसा आने के बाद भी घर में बरकत नहीं हो रही है. तो जन्माष्टमी के दिन व्रत रखें. इसके बाद शाम के समय भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत पूजा अर्चना करें. उन्हें उपहार के स्वरूप बांसुरी दें. ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं. साथ ही जातक की सभी चिंता,​ विघन्न और तंगी को हर लेते हैं. 

बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है. साथ ही वह शरारती और पढ़ाई से मन चुराता है तो जन्माष्टमी के दिन मुरली लेकर आएं. बच्चे के सोते समय मुरली को उसके तकिये के नीचे या फिर कमरे के दरवाजे पर टांग दें. ऐसा करने से बच्चे की पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ती है. घर में खुशहाली आती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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