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Law of War: युद्ध के भी होते हैं नियम, युद्ध अपराधों के लिए पुतिन को मिल सकती है सजा

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान मची तबाही के बाद दुनिया भर में युद्ध के नतीजों को लेकर चिंता थी. सन् 1949 में इसे लेकर युद्ध के नियम बनाए गए थे.

Law of War: युद्ध के भी होते हैं नियम, युद्ध अपराधों के लिए पुतिन को मिल सकती है सजा

Image Credit- Twitter/KremlinRussia_E

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डीएनए हिंदी: रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग का आज  43वां दिन है. दुनिया भर से मिल रहे संदेशों, गुजारिशों और कोशिशों के बाद यह युद्ध थमा नहीं है. अब यूक्रेन के बूचा से आ रही खौफनाक तस्वीरों ने दुनिया भर के दिलों को दहला दिया है.इसी के बाद रूस के खिलाफ युद्ध अपराधों के तहत कड़ी कार्रवाई
की मांग की जा रही है. आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि युद्ध के भी नियम होते हैं और इन नियमों का उल्लंघन किए जाने पर किसी भी देश के खिलाफ मुकदमा तक किया जा सकता है. 

ऐसे बने थे युद्ध के नियम
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान मची तबाही के बाद दुनिया भर में युद्ध के नतीजों को लेकर चिंता थी. ऐसे में सन् 1949 में दुनिया के कई देशों के नेता स्विट्जरलैंड की राजधानी जेनेवा में इसका रास्ता निकालने के लिए एकजुट हुए. इसे जेनेवा कन्वेंशन का नाम दिया गया. इस कन्वेंशन के दौरान युद्ध से जुड़े कुछ नियम बनाए गए इन्हें इंटरनेशनल ह्यूमैनेटिरियन लॉ कहा गया. अब इसे Law of War के नाम से भी जाना जाता है. ये 161 नियम हैं और इन्हें सभी 196 देशों से मान्यता मिली हुई है. युद्ध के दौरान इनका पालन किया जाना अनिवार्य है. 

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ये हैं नियम
-युद्ध को लेकर नियम है कि किन पर हमला किया जा सकता है और किन पर नहीं. नियम के मुताबिक आम नागरिकों पर हमला करना अपराध है. युद्ध के दौरान भी आम नागरिकों को इस बात का पूरा हक है कि उन्हें जो चाहिए वह उपलब्ध कराया जाए. 
-युद्ध का नियम यह भी कहता है कि जिनको भी युद्ध के दौरान बंदी बनाया गया हो उन्हें किसी भी प्रकार से प्रताड़ित नहीं किया जा सकता है.उन्हें खाना और पानी दिया जाना अनिवार्य है. उन्हें अपने लोगों से बातचीत करने का अधिकार देना चाहिए.
-युद्ध में जो भी घायल होता है उसे उपचार पाने का अधिकार होता है. वह कोई भी किसी भी मु्ल्क का हो. उसे इलाज मिलना मानवीय अधिकार है.

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कब लागू होते हैं युद्ध के नियम
अगर कोई लड़ाई एक ही देश के अंदर हो रही होती है तब युद्ध के ये नियम लागू नहीं होते हैं. जब लड़ाई दो देशों के बीच होती है और उसमें हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है तो ये नियम लागू होंगे

क्या होगा नियम तोड़ने पर
युद्ध के दौरान भी इंसानियत को ताक पर नहीं रखा जा सकता. यदि कोई देश इन नियमों को युद्द के दौरान तोड़ता है तो उसके खिलाफ युद्ध अपराधों की जांच अंतरराष्ट्रीय अदालतों द्वारा की जाती है. व्यक्तियों पर युद्ध अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है.

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