Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

GST बना वरदान, सरकार के खजाने में हुआ इज़ाफ़ा

मार्च 2022 में रिकॉर्डरोड GST कलेक्शन हुआ है. इस बारे में पढ़िए आरती राय की विशेष रिपोर्ट...

GST बना वरदान, सरकार के खजाने में हुआ इज़ाफ़ा
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में Goods and Services Tax  (GST ) के कलेक्शन पर आज चर्चा की. इस दौरान उन्होंने सदन को जानकारी दी कि मार्च 2022 के महीने में जीएसटी राजस्व 1,42,095 करोड़ रुपये है जिसमें Central Goods and Services Tax (CGST ) 25,830 करोड़ रुपये, State Goods and Services Tax (SGST ) 32,378 करोड़ रुपये, Integrated Goods and Services Tax (IGST)  74,470 करोड़ रुपये सहित सामान के इम्पोर्ट से कलेक्ट किया हुआ 39,131 करोड़ रुपये का टैक्स और सेस 9,417 करोड़ रुपये के साथ मार्च 2022 में GST कलेक्शन के सभी रिकार्ड्स तोड़ कर 1,40,986 करोड़ रुपये साथ अब तक के उच्च स्तर पर है.

सरकार के रेवेन्यू  में भारी इज़ाफ़ा 

जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल सरकार के रेवेन्यू और इस साल के सरकार के रेवेन्यू में 15 % का इज़ाफ़ा हुआ है. यह मार्च 2020 से 46 % तक ज्यादा है. वहीं आयात में वसूले गए राजस्व से 25% और घरेलू लेनदेन से (सेवाओं के आयात सहित) पिछले वर्ष की तुलना में इसी महीने के दौरान 11% अधिक की बढ़त हुई है. इस महीने में केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच 50:50 के अनुपात के आधार पर IGST के 20,000 करोड़ नियमित निपटान के बाद मार्च 2022 के महीने में केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 65,646 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 67,410 करोड़ रुपये है. इसी के साथ मार्च के महीने में केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 65,646 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 67,410 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

GST कलेक्शन में बढ़ोतरी की क्या वजह है

वित्त मंत्रालय द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक फरवरी 2022 के महीने में ई-वे बिलों की कुल संख्या 6.91 करोड़ तक थी.  वहीं छोटा महीना होने के बावजूद जनवरी 2022 (6.88 करोड़) के महीने में रिलीज़ हुए ई-वे बिलों की तुलना में बहुत ज़्यादा थी. साल 2021-22 की अंतिम तिमाही के लिए औसत हर महीने का जीएसटी संग्रह 1.38 लाख करोड़ रुपये रहा है, जबकि पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में औसत मासिक संग्रह 1.10 लाख करोड़ रुपये, 1.15 लाख करोड़ रुपये और 1.30 लाख करोड़ रुपये रहा है. वहीं GST में बढ़त की एक बड़ी वजह ये भी है कि आर्थिक सुधार के साथ-साथ चोरी-रोधी एक्टिविटी विशेष रूप से नकली बिलर्स के खिलाफ कार्रवाई जीएसटी को बढ़ाने में योगदान दे रही है. वहीं राजस्व में सुधार उल्टे शुल्क ढांचे को ठीक करने के लिए परिषद द्वारा किए गए विभिन्न टैक्स कलेक्शन उपायों के कारण भी हुआ है.

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.

यह भी पढ़ें: 
मुंबई के Property Market में आया उछाल, स्टैम्प ड्यूटी में हुई वृद्धि

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement