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Free Medical Tests: 1 जनवरी से दिल्ली में फ्री होंगे 450 मेडिकल टेस्ट, जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए जरूर करा लें ये 10 जांच

Important Medical Tests: दिल्ली में नए साल से 450 मेडिकल टेस्ट फ्री में होंगे और जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए ये 10 तरह के टेस्ट जरूर करा लें.

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Free Medical Tests: 1 जनवरी से दिल्ली में फ्री होंगे 450 मेडिकल टेस्ट, जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए जरूर करा लें ये 10 जांच

Free Medical Tests : 1 जनवरी से दिल्ली में फ्री होंगे 450 Medical Test, जरूर करा लें ये 10 टेस्ट
 

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डीएनए हिंदीः दिल्ली सरकार 1 जनवरी 2023 से 450 तरह के मेडिकल टेस्ट मुफ्त में कराएगी, यह सभी टेस्ट दिल्ली के सरकारी अस्पताल और मोहल्ला क्लिनिक में होंगे. 

फ्री मेडिकल टेस्ट लिस्ट (Free medical test list in Delhi) में हीमोग्लोबिन टेस्ट से लेकर स्टूल रूटीन, किडनी फंक्शन टेस्ट, लिवर फंक्शन टेस्ट और ब्लड ग्लूकोज रैंडम टेस्ट, यूरिक एसिड, ब्लड कोलेस्ट्रॉल जैसे कई जानलेवा बीमारियों के टेस्ट होंगे.  चलिए जानते हैं यह टेस्ट आपके लिए क्यों जरूरी हैं.

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लिपिड प्रोफाइल
कोलेस्ट्रॉल टेस्ट को लिपिड प्रोफाइल, लिपिड पैनल के नाम से भी जाना जाता है. कोलेस्ट्रॉल टेस्ट में यह पता लगाया जाता है कि आपकी खून की नसों में कोलेस्ट्रॉल के लेवल कितना है.हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण कई होते हैं. पैरों में दर्द, नसों को उकरना, दो कदम चलकर ही थक जाना, बोलते समय सांस फूलना, संास लेने में तकलीफ, बहुत अधिक वेट का होना, आंखों के आसपास पीली वसा रहित दाने कोलेस्ट्रॉल के संकेत हैं.

विटामिन मिनरल टेस्ट
विटामिन डी, बी.12 के साथ ही शरीर में जिंक, मैग्निशियम, पोटेशियम और कैल्शियम की जांच कराना भी बेहद जरूरी है. क्योंकि कई बार इन विटामिन और मिनरल की कमी से हार्ट अटैक से लेकर कैंसर और नसों के सिकुड़ने जैसी समस्यांए होती हैं. इससे बचने के लिए इसकी जांच जरूरी है. 

ब्लड ग्लूकोज टेस्ट,  एचबीए1सी और  फास्टिंग इंसुलिन (Blood Glucose Test, HBA1C)
खून में ग्लूकोज या शुगर की मात्रा को जानने के लिए ब्लड ग्लूकोज टेस्ट,  एचबीए1सी और  फास्टिंग इंसुलिन टेस्ट कराना चाहिए. HBA1C टेस्ट की मदद से पिछले दो से तीन महीनों में औसत ब्लड में शुगर की मात्रा का पता लगाया जाता है. इससे आसानी से टाइप1 और टाइप 2 डायबिटीज को होने से रोका जा सकता है. वहीं फास्टिंग इंसुलिन
 टेस्ट 8 घंटे की उपवास अवधि के बाद रक्त में इंसुलिन के स्तर को मापता है. इंसुलिन अग्न्याशय की बीटा कोशिकाओं द्वारा स्रावित एक हार्मोन है और ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है.

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कम्पलीट ब्लड काउंट (CBC Test): 
किसी व्यक्ति की मेडिकल स्थिति जानने के लिए कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट (CBC Test) किया जाता है. इस टेस्ट के जरिए एनीमिया, इन्फेक्शन, इन्फ्लेमेशन, ब्लीडिंग डिसऑर्डर या ल्यूकेमिया जैसी विभिन्न बीमारियों का पता लगाया जा सकता है. अगर थकान, कमजोरी, चक्कर आना और त्वचा के पीले होने जैसे संकेत दिख रहे तो आपको यह टेस्ट कराना चाहिए.

यूरिक एसिड टेस्ट
खून में यूरिक एसिड की मात्रा को जानने के लिए 'यूरिक एसिड ब्लड टेस्ट' किया जाता है। इस टेस्ट के लिए आपके हाथ के पीछे की नस से खून निकाला जाता है और फिर इसका परीक्षण किया जाता है। अगर खून में यूरिक एसिड की मात्रा होती है तो डॉक्टर आपको पिछले 1 दिन के यूरिन की जांच के लिए कह सकते हैं. यूरिक एसिड बढ़ जाने पर जोड़ों में असहनीय दर्द होता है और उठने-बैठने में परेशानी होती है. इसमें व्यक्ति ज्यादा जल्दी थकान भी महसूस करने लगता है. हाथ-पैर की उंगलियों में सूजन आ जाती है और भयंकर दर्द होता है. 

किडनी फंक्शन टेस्ट (Kidney Function Test)
क्लीवलैंड की रिपोर्ट के मुताबिक, किडनी फंक्शन टेस्ट में यह पता लगाया जाता है कि आपकी किडनियां सही तरह काम रही हैं या नहीं. यह देखा जाता है कि किडनी आपके सिस्टम से कचरे को कितनी अच्छी तरह साफ कर रही हैं. किडनियों का कामकाज प्रभावित होने से शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो सकते हैं. ऐसा होने से आपको पेशाब में खून, जलन, बार-बार पेशाब आना और पेशाब देरी से आना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं.

लिवर फंक्शन टेस्ट (Liver Function Test)
लिवर फंक्शन टेस्ट ब्लड टेस्ट होते हैं जिनका उपयोग लिवर की बीमारी या डैमेज होने के निदान और निगरानी के लिए किया जाता है. इसमें आपके ब्लड में कुछ एंजाइम और प्रोटीन लेवल की जांच की जाती है. अगर आपको त्वचा का रंग पीला होना, पेट दर्द, त्वचा में खुजली, पेशाब का रंग डार्क, थकान और उल्टी जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो यह टेस्ट जरूर करा लें.

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स्टूल रूटीन टेस्ट (Stool Routine Test)
इस टेस्ट को रूटीन माइक्रोस्कोपी भी कहते हैं. यह पाचन तंत्र को प्रभावित करने वाले विकारों का निदान करने में मदद करता है, जैसे परजीवी, वायरस या बैक्टीरिया से होने वाला संक्रमण, पोषक तत्वों के अवशोषण में कमी और कैंसर. मल का बदलना, खून आना, गैस का दर्द, मल सही से नहीं आना, वजन कम होना, थकान और खून की कमी जैसे लक्षणों पर नजर रखें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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