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Alcohol Addiction: शराब की लत से छुटकारा पाना है आसान, बस ये आयुर्वेदिक नुस्‍खे अपनाकर देखें

Remedies for Alcohol: शराब या किसी भी अन्‍य तरह का नशा (Addiction) केवल दो ही तरीकों से छूट सकता है. पहला नशा करने वाला इंसान ही उसे छोड़ना चाहे और दूसरा कुछ दवाएं उसके संकल्‍प में काम आती हैं.

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Alcohol Addiction: शराब की लत से छुटकारा पाना है आसान, बस ये आयुर्वेदिक नुस्‍खे अपनाकर देखें

शराब की लत से छुटकारा पाना है आसान, बस ये आयुर्वेदिक नुस्‍खे अपनाकर देखें

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    डीएनए हिंदी:  शराब या किसी भी चीज का नशा छोड़ने (Drug Addiction) के लिए विलपावर का होना जरूरी होता है, क्‍योंकि दवाओं को लेने के बाद भी अगर मन पर कंट्रोल न हो तो ये नशा नहीं छूट सकता. कई बार नशों की जकड़न ऐसी होती है कि मजबूरन इंसान नशे में डूबता जाता है. यहां आपको कुछ ऐसी आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में बताएंगे जो आपके नशे की लत को दूर कर सकते हैं. 

    कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपायों शराब की लत को छुड़वाने (Ayurveda Remedies for Alcohol) में रामबाण माने जाते हैं. शराब कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी ही नहीं, लिवर और किडनी डैमैज की वजह बनती है. WHO की इस रिपोर्ट में बताया गया कि हर 10 सेकेंड में शराब से एक व्यक्ति की मौत हो जाती है. अगर आप इस लत से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपके लिए कुछ दवाएं बहुत कारगर साबित होंगी. 

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    मृतसंजीवनी सुरा 
    शराब छुड़ाने में मृतसंजीवनी सुरा बहुत उपयोगी होती है. मृतसंजीवनी सुरा एक तरह से शराब के विकल्‍प के रूप में काम करती है और इसे शुरू में 30-40 एमएल की मात्रा में लिया जाना चाहिए. बाद में जब शराब की लत छुट जाए, तब मृतसंजीवनी सुरा का सेवन भी धीरे-धीरे कम कर देना चाहिए.

    अश्वगंधा
    शराब छुड़वाने में अश्वगंधा भी कमाल का काम करती है. अश्वगंधा तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क को मजबूत बनाने के साथ ही शराब पीने की इच्‍छा को खत्‍म करती है. 

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    करेले के पत्‍ते
    करेले के पत्‍ते का रस पीना शुरू कर दें तो शराब पीने की इच्‍छा भी कम होने लगेगी. करेले के पत्तों के रस के सेवन से बॉडी से सभी विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और शराब पीने की तलब घटती जाती है. 

    तुलसी भी है कारगर
    जी हां तुलसी के पत्‍ते चबाने या या उसका रस पीने से शराब की लत छूटती है. रोज सुबह तुलसी की पत्तियों को चबाएं या काढ़ा पी लें. तलब घटने लगेगी. 

    होम्योपथी भी आएगी बहुत काम
    काउंसलिंग के साथ-साथ होम्योपथी की दवाएं भी शराब की लत से छुटकारा दिला देंगी. 

    क्यूरकस क्यू : आधे कप पानी में इसकी 10 बूंद मिलाकर दिन में तीन बार लेने से शराब की वजह से शरीर में फैला जहर दूर हो जाता है. यह लिवर की पुरानी बीमारी और स्प्लिन पर होने वाले असर को रोकती है.

    सिनकोना ऑफिसिनैलिस: सिनकोना ऑफिसिनैलिस 30/200 शराब की वजह से लिवर को होने वाले नुकसान को रोकती है और इसे ठीक करती है. यह जॉन्डिस और शराब की वजह से शरीर को होने वाली कमजोरी को भी दूर करती है.

    कैलिडोनियम: यह एक्यूट हेपेटाइटिस, जॉन्डिस और पेट दर्द से राहत देती है. इसका टिंचर रूप ज्यादा कारगर रहता है. रोजाना 10 बूंद दिन में तीन बार ले सकते हैं.

    मुद्रा, ध्यान और योगाभ्यास भी जरूर करें, मजबूत होगा विल पावर

    शराब पीने वालों का आत्मविश्वास कमजोर होता रहता है इसलिए मुद्रा, ध्यान तथा योग क्रियाओं के जरिये विल पावर को मजबूत किया जा सकता है. 

    ज्ञान मुद्रा : ज्ञान मुद्रा से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और इससे मन का शुद्धिकरण होता है. ज्ञान मुद्रा करने के लिए दाहिने हाथ के अंगूठे को तर्जनी के टिप पर लगाएं और बाईं हथेली को छाती के ऊपर रखें. सांस सामान्य रहेगी.

    सुखासन या पद्मासन में बैठकर भी इस क्रिया को किया जा सकता है. इस क्रिया को लगातार 45 मिनट तक करने से काफी फायदा मिलता है. चलते-फिरते भी इस क्रिया को किया जा सकता है.

    ध्यान : ध्यान करने से शरीर के अंदर से खराब तत्व बाहर हो जाते हैं. एकाग्रता लाने के लिए त्राटक किया जाता है. इसमें बिना पलक झपकाए प्रकाश की रोशनी को लगातार देखने का अभ्यास किया जाता है. अभ्यास करते-करते एक समय ऐसा आता है जब व्यक्ति को मात्र बिंदु दिखाई देता है.

    कुंजल क्रिया: नमक मिला गुनगुना पानी भर पेट पिया जाता है. बाद में इसकी उलटी कर दी जाती है. इससे पेट के ऊपरी हिस्से का शुद्धीकरण हो जाता है.

    वस्ति : इस क्रिया के माध्यम से शरीर के निचले हिस्से की सफाई की जाती है. इसे एनिमा भी कहते हैं.

    शंख प्रक्षालन : हल्का गुनगुना नमक मिला पानी पेट भरकर पीने के बाद भुजंगासन किया जाता है. इससे पेट शंख की तरह धुल जाता है. इसके बाद हरी पत्ती पालक, मूली, मैथी आदि का सेवन किया जाता है. इससे शरीर को पर्याप्त ऊर्जा भी मिलती है और पूरी पाचन क्रिया ठीक रहती है. बस शंख प्रक्षालन क्रिया के बाद ठंडे पानी का सेवन न करें और ठंडी हवा से बचें. 

    हरी पत्ती के साथ मूंग दाल, चावल की खिचड़ी शुद्ध घी में मिलाकर खाएं. इसके अलावा कुछ न खाएं. खाते समय पानी न पिएं.

    (Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

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