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Cyclone Mandous: चक्रवाती तूफान मैंडूस ने तमिलनाडु में मचाई तबाही, कैसे पड़ा नाम, कहां तक दिखाएगा असर?

Cyclone Mandous: चक्रवाती तूफान मैंडूस ने तमिलनाडु के तटों पर तबाही मचा दी है. आइए जानते हैं यह तूफान कितना खतरनाक, नाम का मतलब क्या है.

Cyclone Mandous: चक्रवाती तूफान मैंडूस ने तमिलनाडु में मचाई तबाही, कैसे पड़ा नाम, कहां तक दिखाएगा असर?

तूफान में मची है भीषण तबाही. (तस्वीर-ANI)

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डीएनए हिंदी: चक्रवातू तूफान मैंडूस का असर तमिलनाडु के तटों पर नजर आया है. इस तूफान की वजह से कई तटीय जिले प्रभावित हैं. कुछ जगहों पर भीषण तबाही मचाई है. प्रभावित इलाकों में तेज बारिश हो रही है. शुक्रवार देर रात को यह तूफान महाबलिपुरम पहुंचा और यहां भी तबाही मचाई. कुछ इलाकों में 16 सेमी बारिश भी हुई है. 

चेन्नई में करीब 3 घंटे में 60 से ज्यादा पेड़ गिरए गए हैं. मंदुरथकम, ईसीआर और ओएमआर इलाके में ऐसे ही हालात हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक यह तूफान अब डीप ड्रिपेशन में बदल गया है और इसके लैंडफॉल की प्रक्रिया पूरी हो गई है. चक्रवात मैंडूस तट को पार करते ही कमजोर पड़ने लगा.

RMC चेन्नई के डीडीजीएम एस बालचंद्रन ने कहा, 'यह उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है, इसलिए उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में 55-65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी, जिसके शाम तक घटकर 30-40 किमी प्रति घंटे तक होने के आसार हैं.'

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तस्वीर में देखें कितनी मची है तबाही

क्या है मैंडूस शब्द का मतलब?

मैंडूस अरबी भाषा का एक शब्द है और इसका अर्थ है खजाने का पिटारा. यह नाम संयुक्त अरब अमीरात ने चुना था. यह तूफान तटों पर तबाही मचाकर अब कमजोर पड़ चुका है. चेन्नई और पुडुचेरी के बीच, 1891 से 2021 तक पिछले 130 वर्षों में 12 चक्रवात आ चुके हैं. एस बालचंद्रन के मुताबिक मामल्लपुरम के पास तट को पार करने के बाद यह 13वां चक्रवात बन गया है.

क्या हैं सुरक्षा के बंदोबस्त?

सुरक्षा, राहत और बचाव कार्यों के लिए तमिलनाडु SDRF की 40 सदस्यीय टीम के अलावा 16,000 पुलिसकर्मी और 1,500 होमगार्ड को तैनात हैं. DDRF की अलग-अलग 12 टीमें तैनात की गई हैं. NDRF और SDRF के 400 सुरक्षाकर्मी पहले से ही प्रभावित इलाकों में तैनात हैं. कावेरी डेल्टा इलाकों के पास और तटीय क्षेत्रों में इन्हें तैनात किया गया है.

कितना खतरनाक है मैंडूस?

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तूफान ज्यादा खतरनाक नहीं है. न ही यह भीषण तबाही मचाने में सक्षम है. अगर मौसम विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाता है और तूफान से बचने के लिए उचित सावधानियों को मानने में लोग सरकार का सहयोग करते हैं तो भीषण तबाही से बचा जा सकता है. सरकार ने एहतिहातन स्कूल, दफ्तर, कॉलेज और दूसरी संस्थाओं को सावधानी के मद्देनजर बंद कर दिया था. उम्मीद है कि यह तूफान ज्यादा तबाही नहीं मचाएगा.

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