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Kuber Ganesh Story: भगवान गणेश ने तोड़ा था कुबेर का घमंड, श्री गणेशजी की रोचक कथा

Kuber Ganesh Story : देवताओं के कोषाध्यक्ष माने जाने वाले कुबेरदेव को भी अपने धन दौलत का घमंड था. जानिए कैसे टूटा कुबेर देव का यह घमंड

 Kuber Ganesh Story: भगवान गणेश ने तोड़ा था कुबेर का घमंड, श्री गणेशजी की रोचक कथा

भगवान गणेश ने तोड़ा कुबेर देव के धन दौलत का घमंड

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डीएनए हिंदी: मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म (Hindu religion) मे कुबेरदेव को देवताओं के कोषाध्यक्ष के रूप में जाना जाता है. कहा जाता है कि कुबेर (Kuber) का पास धन-संपत्ति का अथाह भंडार था, इस पर कुबेर को घमंड हो गया था. ऐसे में कुबेरदेव ने भगवान शिव (lord Shiva) को खाने में आमंत्रित किया. घमंड में कुबेरदेव ने भगवान शिव सहित उनके पूरे परिवार को भोजन के लिए अपने महल आने का न्योता दिया. भगवान शिव ने कहा हमसे अच्छा आप किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं. इसपर कुबेरदेव ने जवाब देते हुए भगवान शिव से कहा कि मैं सबको भोजन कराता हूँ. मेरी इच्छा है कि आप भी परिवार सहित मेरे महल आकर राजसी भोजन करें.

भगवान गणेश ने तोड़ा था कुबेरदेव के धन दौलत का घमंड 

भगवान शिव ने कुबेरदेव (Kuber Shiv Story) के घमंड को दूर करने के लिए उनका न्योता स्वीकार कर लिया. भगवान शिव ने कुबेरदेव से कहा कि आप मेरी जगह श्री गणेश को भोजन पर ले जाएं और ध्यान रहे श्री गणेश जल्दी तृप्त नही होते. 

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कुबेरदेव को अपने धन दौलत पर बहुत अहंकार था. उन्होंने शिव जी की बात मान ली और कहा मैं सबको तृप्त कर सकता हूं, श्री गणेश को भी.

अगले दिन भगवान गणेश कुबेर देव के महल में भोजन करने पहुंचे. भगवान गणेश के लिए कुबेरदेव ने बहुत सारे अलग अलग तरह के पकवान बनवाए. भगवान गणेश ने आसन ग्रहण किया और भोजन करना शुरू किया. बहुत देर तक भोजन करने के बाद भी श्री गणेश तृप्त नहीं हुए. कुबेर देव के पास जितना भी अन्न का भंडार था सब खाली हो गया फिर भी भगवान गणेश तृप्त नहीं हुए. कुबेरदेव थक- हारकर भगवान शिव के पास पहुंचे और अपनी पूरी व्यथा सुनाई. 

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कुबेरदेव की व्यथा सुनने के बाद देवी पार्वती ने भोजन बना कर भगवान गणेश को अपने हाथों से खाना खिलाया जिससे भगवान गणेश तृप्त हो गए. यह देख कुबेरदेव को अपनी गलती का अहसास हुआ उन्होंने भगवान शिव से क्षमा मांगी और किसी भी चीज को लेकर घमंड न करने का संकल्प लिया.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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