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Budh Pradosh Vrat: आज है साल का आखिरी प्रदोष व्रत, शिवजी का इन 7 सफेद चीजों से करें अभिषेक, बरसेगी कृपा

आज बुधवार 21 दिसंबर को प्रदोष व्रत है. आज भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा किस विधि से करें और किन गलतियों से बचें, जान लें,

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Budh Pradosh Vrat: आज है साल का आखिरी प्रदोष व्रत, शिवजी का इन 7 सफेद चीजों से करें अभिषेक, बरसेगी कृपा

Budh Pradosh Vrat: आज है साल का आखिरी प्रदोष व्रत,

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डीएनए हिंदीः बुधवार के दिन प्रदोष (Paush Pradosh Vrat 2022) होने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत (Budh Pradosh Vrat)  कहा जाता है.  21 दिसंबर 2022 यानी आज इस साल का आखिरी बुध प्रदोष व्रत बहुत ही खास योग में रखा जाएगा.प्रदोष व्रत का दिन भगवान शंकर (Bhagwan Shankar) की पूजा के लिए समर्पित है. 
पुराणों के अनुसार पौष बुध प्रदोष व्रत के दिन दही, घी, दूध, चीनी, चावल, सफेद चंदन, सफेद आंक का फूल से शिव जी का अभिषेक करना चाहिए. शिव महापुराण में महादेव को प्रसन्न करने के कई उपाय बताए गए हैं, जिन्हें प्रदोष व्रत के दिन किया जाए तो जल्द बुरे दिन टल जाते हैं.

शिव जी की पूजा का समय
प्रदोष व्रत में शिव जी की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है. उदयातिथि के अनुसार, बुध प्रदोष व्रत 21 दिसंबर 2022 को रखा जाएगा. इसकी तिथि की शुरुआत 21 दिसंबर 2022 को देर रात 12 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 21 दिसंबर को रात 10 बजकर 16 मिनट पर होगा. 

 बुधवार प्रदोष व्रत के पूजा विधि 
1. प्रदोष व्रत के लिए सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान का ध्यान कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
2. इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.
3. पूजा के समय पूजा स्थल पर मुंह, उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए.
4. भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें और पुष्प, अक्षत, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, गाय का दूध, धूप अर्पित करें
5. ऊं नमः शिवाय पंचाक्षरीय मंत्र का जाप करना चाहिए.
6. शिव चालीसा का भी पाठ करें
7. इसके बाद आरती करें और पूजा में गलती के लिए क्षमा मांगें.
8. पूजा संपूर्ण होने के बाद सभी को प्रसाद बांटना चाहिए.

न करें शिव जी की पूजा में ये काम

महिलाएं शिवलिंग का स्पर्श न करें: भगवान शिव की पूजा देव, दानव, गंधर्व, यक्ष, मानव सभी करते हैं. लेकिन मान्यता है कि शिवलिंग का स्पर्श महिलाओं को नहीं करना चाहिए. इससे माता पार्वती नाराज हो सकती हैं.

हल्दी न चढ़ाएं: विद्वानों के मुताबिक भगवान शिव की पूजा में उन्हें हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए. प्रदोष व्रत के दिन आप भगवान शिव को बेलपत्र भांग, गंगाजल, दूध, चंदन और भस्म चढ़ा सकते हैं.

ये चीजें न चढ़ाएं: पुरोहितों का कहना है कि शिवजी को केतकी के फूल, तुलसी, नारियल पानी, शंख का जल, कुमकुम और सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए. इससे भगवान शिव नाराज हो सकते हैं, क्योंकि भगवान शिव को भस्म प्रिय है.

इन चीजों का न करें सेवनः प्रदोष व्रत के दिन लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा जैसी तामसिक चीजों के सेवन से बचना चाहिए. इससे शिव नाराज हो सकते हैं.


प्रदोष के उपायः प्रदोष के दिन ये उपाय अपनाने से भगवान शिव मंगल करते हैं.

  • प्रदोष काल में शिवलिंग की पूजा करें. धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें, और जोड़े में फूल अर्पित करें. इससे कर्ज और रोग से मुक्ति होती है.
  • प्रदोष के दिन द्वादश ज्योतिर्लिंगों के नाम का जपना चाहिए. इस दिन शिव पुराण या शिव स्रोत पुण्यफलदायी है. इसके अलावा इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप आरोग्य प्रदान करता है.
  • बुध प्रदोष के दिन उत्तर मुखी होकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए.
  • इस दिन कन्याओं को दान देना चाहिए, गोसेवा भी करनी चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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