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Ram Navami 2022: बिना हवन अधूरी मानी जाती है नौ दिनों की पूजा! इस विधि से करें मां अम्बे को प्रसन्न

माना जाता है कि हवन के बाद ही नौ दिनों की उपासना पूरी होती है. ऐसे में जानते हैं हवन के लिए शुभ मुहूर्त, विधि और हवन-सामग्री के बारे में. 

Ram Navami 2022: बिना हवन अधूरी मानी जाती है नौ दिनों की पूजा! इस विधि से करें मां अम्बे को प्रसन्न
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डीएनए हिंदी: चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) की शुरुआत 02 अप्रैल से हुई थी जिसका समापन आज यानी 10 अप्रैल को हो रहा है. इन नौ दिनों तक देवी के भक्त मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना करते हैं और नवमी तिथि को हवन के साथ अपनी आराधना पूरी करते हैं. माना जाता है कि हवन के बाद ही नौ दिनों की उपासना पूरी होती है. ऐसे में जानते हैं हवन के लिए शुभ मुहूर्त, विधि और हवन-सामग्री के बारे में. 

शुभ मुहूर्त (Havan Shubh Muhurat)
पंचांग के मुताबिक, चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि 9 अप्रैल, शनिवार देर रात 1 बजकर 23 मिनट से शुरू हुई और इसका समापन 11 अप्रैल की सुबह 3 बजकर 15 मिनट पर होगा. बात अगर मुहूर्त की करें तो इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं. 10 अप्रैल की सुबह 4 बजकर 31 मिनट से 6 बजकर 01 मिनट तक रवि योग रहेगा. इसके बाद दोपहर 12 बजकर 4 मिनट तक सुकर्मा योग और रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा. ऐसे में पूरे दिन किसी भी वक्त हवन किया जा सकता है. 

हवन-सामग्री (Havan Samagri)

  • हवन कुंड
  • नीम
  • पंचमेवा 
  • जटा वाला नारियल
  • गोला
  • जौ
  • आम की लकड़ी
  • गूलर की छाल 
  • चंदन की लकड़ी 
  • अश्वगंधा 
  • मुलेठी की जड़
  • कपूर
  • काला तिल
  • चावल
  • लौंग 
  • गाय का घी
  • इलायची
  • शक्कर
  • नवग्रह की लकड़ी
  • आम के पत्ते 
  • पान का पत्ता
  • पीपल का तना
  • छाल
  • बेल 
  • कलावा
  • बताशा

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हवन की विधि (Havan Vidhi)

  • हवन कुंड को गंगाजल से शुद्ध कर लें. अगर हवन कुंड की व्यवस्था नहीं है तो ईंट का हवन कुंड तैयार किया जा सकता है. 
  • इसके बाद हवन कुंड के चारों तरफ कलावा बांध दें. 
  • अब उस पर स्वास्तिक बनाकर पूजा करें. 
  • फिर हवन कुंड पर अक्षत, फूल और चंदन आदि अर्पित करें. 
  • इसके बाद हवन सामग्री तैयार कर लें. 
  • इसमें घी, शक्कर, चावल और कपूर डालें. 
  • इसके बाद हवन कुंड में पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण दिशा की ओर 4 समिधा यानी आम की लकड़ी रखें. 
  • इन समिधाओं को कलावा से बांधें. 
  • अब इसके बीच में पान का पत्ता रखकर उस पर कपूर, लौंग, इलायची, बताशा आदि रखें. 
  • इसके बाद हवन कुंड में आम की लकड़ियां रखकर अग्नि प्रज्ज्वलित करें. 
  • अब मंत्र बोलते हुए हवन सामग्री से अग्नि में आहुति दें. 
  • हवन संपूर्ण होने के पश्चात 9 कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराएं. 
  • इसके बाद उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें. 
  • कन्याओं को दक्षिणा या उपहार देकर श्रद्धापूर्वक विदा करें.   

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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