Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Pradosh Vrat Katha: आज शाम बुध प्रदोष व्रत की कथा पढ़ने के बाद ही पूरा होगा व्रत, यहां पढे़

Pradosh Puja Niyam: आज शाम बुध प्रदोष व्रत की कथा (Budh Pradosh Vrat Katha) पढ़ने के बाद ही उपवास संपन्न होता है.

Latest News
Pradosh Vrat Katha: आज शाम बुध प्रदोष व्रत की कथा पढ़ने के बाद ही पूरा होगा व्रत, यहां पढे़

Budh Pradosh Vrat Katha

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदीः बुध प्रदोष व्रत (Budh Pradosh Vrat) आज यानी 21 दिसंबर को है. प्रदोष पूजा शाम को होती है और इस दिन पूजा के समय बुध प्रदोष व्रत की कथा सुनने या पढ़ने के बाद ही पूजा पूरी मानी जाती है, तो चलिए पढ़ लें व्रत कथा ...
ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजूमदार बताती हैं कि बुघ प्रदोष व्रत सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करता है और इस व्रत में पूजा के समय हरी वस्तुओं का उपयोग करना कल्याणकारी होता है. आइए जानते हैं बुध प्रदोष व्रत की कथा के बारे में.

बुध प्रदोष व्रत कथा (Budh Pradosh Katha)
एक युवक का विवाह हुआ और कुछ दिनों बाद उसकी पत्नी मायके चली गई. जब वह युवक पत्नी को लेने अपने ससुराल गया तो उस दिन बुधवार था. घर वालों ने उसे समझाया कि बुधवार को पत्नी को ले जाना शुभ नहीं माना जाता, लेकिन वो युवक नहीं माना. रास्ते में पत्नी को प्यास लगी तो वह युवक पानी लेने चला गया. जब वह लौटा तो उसने देखा कि उसकी पत्नी ऐसे युवक से बात कर रही है जो बिल्कुल उसकी तरह दिखता है. दोनों को सामने देख पत्नी भी आश्चर्य में पड़ गई. दूसरा युवक भी स्वयं को युवती का पति बताने लगा. इस बात पर दोनों में विवाद हो गया. तब उस युवक ने महादेव से प्रार्थना कि और बोला कि “मुझसे बड़ी भूल हुई कि मैं बुधवार को पत्नी को विदा करा लाया. मैं भविष्य में ऐसा कदापि नहीं करूंगा. हे महादेव मेरी सहायता करो.” इसके तुरंत बाद दूसरा युवक गायब हो गया और दोनों पति-पत्नी खुशी-खुशी घर आ गए. 

Budh Pradosh Vrat: आज है साल का आखिरी प्रदोष व्रत, शिवजी का इन 7 सफेद चीजों से करें अभिषेक, बरसेगी कृपा

बुध प्रदोष पर बनेंगे ये शुभ मुहूर्त (Budh Pradosh Muhurat December 2022)
पंचांग के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 21 दिसंबर, बुधवार को रात 10:16 तक रहेगी. इस दिन पहले विशाखा नक्षत्र होने से प्रजापति और बाद में अनुराधा नक्षत्र होने से सौम्य नाम के 2 शुभ योग बनेंगे. धनु राशि में सूर्य, बुध और शुक्र के होने से बुधादित्य और लक्ष्मीनारायण नाम के शुभ योग भी इस समय बनेंगे. इन शुभ योगों के चलते इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है.

आज है मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत, जानें पूजा मुहूर्त और शुभ योग

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement