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UP में महिला कल्याण अधिकारी के इस्तीफे पर हलचल, बनाई जांच कमेटी 

रेखा शर्मा शाहजहांपुर में महिला कल्याण विभाग में महिला कल्याण अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं.

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UP में महिला कल्याण अधिकारी के इस्तीफे पर हलचल, बनाई जांच कमेटी 

महिला कल्याण अधिकारी ने डीपीओ पर कई आरोप लगाए हैं. 

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डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में महिला कल्याण अधिकारी रेखा शर्मा के इस्तीफे के बाद हलचल तेज हो गई है. रेखा शर्मा ने स्वयं के विभाग में जिला प्रोबेशन अधिकारी (DPO) पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था. अब इस मामले में आरोपों की जांच शुरू हो गई है. जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम सहित चार सदस्यीय टीम ने जांच शुरू कर दी है. इस कमेटी में अतिरिक्त एसडीएम सुप्रिया गुप्ता, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी वरुण सिंह, महिला थाना प्रभारी निरीक्षक विमला बहन शामिल हैं. 

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, रेखा शर्मा (Rekha Sharma) शाहजहांपुर UP में महिला कल्याण विभाग में महिला कल्याण अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं. शर्मा मानसिक रूप से विक्षिप्त, दिव्यांगों और असहायों के लिए काम करती हैं. उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) पर काम न करने का दबाव बनाकर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. 

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इस्तीफे में रेखा शर्मा ने लिखा कि विभाग की महिला शक्ति केंद्र स्कीम के तहत वह लावारिसों, विक्षिप्तों, दिव्यांगों को रेस्क्यू कर पुनर्वासित करने का काम करती हैं लेकिन जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा अनावश्यक सीमाओं में बांधकर सबके सामने उनका अपमान करते हैं. उन्हें काम करने से रोका जाता है और वॉट्सएप पर लोकेशन भेजने के बावजूद उनकी उपस्थिति को लेकर परेशान किया जाता है. रेखा शर्मा ​ने यह भी आरोप लगाया है कि डीपीओ बदनीयती और स्वार्थ सिद्ध न होने की वजह से परेशान करते हैं. 

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वन स्टॉप सेंटर पर दुर्व्यवहार 
रेखा शर्मा ने यह भी आरोप लगाया है कि वन स्टॉप सेंटर में महिलाओं को लाने पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है. वह कई महिलाओं को पुनर्वास के लिए भरतपुर आश्रम राजस्थान भेज चुकी हैं. आरोप है कि कुछ गर्भवती विक्षिप्त महिलाओं के साथ यौन अपराध होने का अंदेशा रहता है ऐसी स्थिति में भी महिलाओं को वन स्टॉप संटर पर रखने की अनुमति नहीं दी जाती है. जबकि यह विभाग के सेंटर की जिम्मेदारी है कि वहां महिला कल्याण के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं. 

वहीं दूसरी तरफ डीपीओ गौरव मिश्रा ने आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि ये आरोप निराधार हैं. इस्तीफे के बाद स्पष्टीकरण मांगना निदेशालय की एक प्रक्रिया है. 

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