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आखिर क्यों मार्क जुकरबर्ग को बदलना पड़ा फेसबुक कंपनी का नाम?

फेसबुक के CEO मार्क जुकरबर्ग ने बताया था कि फेसबुक नाम उन सभी प्रोजेक्ट को नहीं कवर कर रहा था जिन्हें कंपनी अब करती है.

आखिर क्यों मार्क जुकरबर्ग को बदलना पड़ा फेसबुक कंपनी का नाम?

मार्क जुकरबर्ग (फाइल फोटो- ट्विटर)

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डीएनए हिंदी: फेसबुक कंपनी का नाम अब मेटा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि मार्क जुकरबर्ग ने कंपनी का नाम बदलने का फैसला क्यों किया? दरअसल मार्क जुकरबर्ग की यह कंपनी एक एक साथ कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है. इंस्टाग्राम, WhatsApp, फेसबुक से लेकर कई दूसरे भी ऐसे प्रोजेक्ट हैं जिनपर इस कंपनी का ध्यान था. 29 अक्टूबर 2021 को मार्क जुकरबर्ग ने कंपनी के कनेक्ट इवेंट में ऐलान किया था कि फेसबुक को अब मेटा (Meta) कहा जाएगा.

मार्क जुकरबर्ग ने इस फैसले को लेकर तर्क दिया था कि हम एक ऐसी कंपनी हैं जो कनेक्ट करने के लिए तकनीक बनाती है. हम अब लोगों को अपनी टेक्नोलॉजी के सेंटर में रख सकते हैं. फेसबुक, इंस्टाग्राम, मैसेंजर और व्हाट्सएप जैसे ऐप्स का नाम कंपनी ने नहीं बदला है. दरअसल इस कंपनी का नाम जब फेसबुक था तब अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स को सिर्फ फेसबबुक के बैनर के तले रखा गया था जबकि फेसबुक सिर्फ एक प्रोजेक्ट था. 

इस वजह से बदल गया कंपनी का नाम

मार्क जुकरबर्ग ने सोचा कि जब कंपनी के पास कई प्रोजेक्ट हैं तो क्यों न कंपनी का नाम बदल दिया जाए. मेटार्वस की दुनिया में एंट्री लेने के लिए जुकरबर्ग ने फेसबुक कंपनी का नाम बदलकर मेटा कर दिया.  मार्क जुकरबर्ग चाहते थे कि उनकी कंपनी से सिर्फ सोशल मीडिया कंपनी का टैग हट जाए. 

कई प्रोजेक्ट पर काम कर रही है मेटा

मेटावर्स स्कीम पर आगे बढ़नी की उनकी महत्वाकांक्षी योजना पुराने ढर्रे पर चलने से पूरी नहीं हो सकती थी. उन्होंने तब तय किया कि अब कंपनी का नाम बदलना जरूरी है. मार्क जुकरबर्ग के मुताबिक उनकी कंपनी मेटा फैमली ऑफ ऐप्स और रियलिटी लैब्स पर काम कर रही है जिसे भविष्य में और विस्तार दिया जाएगा.

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