Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

हवाई हमला न कर दे रूस, NATO ने लिथुवानिया में तैनात किए 4 राफेल फाइटर जेट

रूस के यूक्रेन पर बढ़ते हमलों के बीच यूरोपीय देश अब अपनी ताकत मजबूत कर रहे हैं. बाल्टिक क्षेत्र में इस नीति के तहत ही अब राफेल उतारा गया है.

हवाई हमला न कर दे रूस, NATO ने लिथुवानिया में तैनात किए 4 राफेल फाइटर जेट
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: रूस यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) और यूक्रेन पर बढ़ते रूसी सेना के हमलों से यूरोप भी सतर्क है. ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से नाटो 30वीं फाइटर विंग के चार राफेल फाइटर जेट यूरोप के पूर्वी हिस्से में तैनात कर दिए हैं. उनका मिशन बाल्टिक देश के हवाई क्षेत्र की निगरानी और रक्षा मिशन में सहयोग करेगा. फ्रांसीसी वायुसेना ने ट्वीट कर इस आक्रामक रुख की जानकारी दी है. इससे पहले फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि बाल्टिक देशों के ऊपर हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए नाटो सैन्य निर्माण के हिस्से के रूप में पेरिस 25 नवंबर से लिथुआनिया में चार राफेल लड़ाकू जेट तैनात करेगा और इसके तहत ही विमान लिथुवानिया पहुंचे हैं.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "फ्रांस 25 नवंबर से नाटो शासनादेश के तहत लिथुवानिया में चार राफेल लड़ाकू जेट तैनात करेगा. वे बाल्टिक देशों में हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के कार्यों को पूरा करेंगे." रिपोर्ट्स के मुताबिक राफेल लड़ाकू विमानों ने यूरोप से एशिया प्रशांत तक वायु सेना के अभ्यास में सक्रिय रूप से भाग लिया है. फ्रांसीसी वायु सेना ने पहले एशियाई-प्रशांत क्षेत्र में बड़े पैमाने पर लंबी दूरी की हवाई संपत्ति की तैनाती का पहला चरण आयोजित किया था. 

Barack Obama ने चार साल की बच्ची के लिए क्यों रोक दिया अपना भाषण, देखिए क्यूट वीडियो

खतरनाक हैं ये सभी लड़ाकू विमान

आपको बता दें कि तैनाती का पहला चरण 10 अगस्त को फ्रांस में शुरु हुआ था. फ्रांसीसी वायु सेना ने एशियाई-प्रशांत क्षेत्र में हवाई सुरक्षा के लिए लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले जेट्स की तैनाती शुरू की थी. नाटो ने एक बयान में कहा, "तीन राफेल लड़ाकू विमानों, दो ए330 एमआरटीटी फेनिक्स हवा से हवा में ईंधन भरने वाले विमान और दो ए400एम परिवहन विमानों से युक्त एक वायु टास्क फोर्स ने 72 घंटे से भी कम मिशन पूरा किया गया है.

इस बीच फ़्रांस अपने पूर्वी फ़्लेक पर नाटो सैन्य निर्माण के हिस्से के रूप में लेक्लेर टैंक और पैदल सेना से लड़ने वाले वाहनों को रोमानिया भेजेगा. लिथुवानिया में राफेल लड़ाकू विमानों के अलावा फ्रांस एस्टोनिया में एक हल्की इन्फैंट्री कंपनी भी भेज रहा है. रक्षा मंत्रालय का अनुमान है कि इस मिशन पर अकेले इस साल 600 से 700 मिलियन यूरो (588-686 मिलियन डॉलर) खर्च होंगे. 

महिलाओं के आगे झुकने पर मजबूर हुई ईरान सरकार, मोरैलिटी पुलिस को किया सस्पेंड

क्रूएशिया कर रहा है फ्रांस से बातचीत

इस मिशन को लेकर क्रूएशियाई रक्षा मंत्री मारियो बानोजिक ने कहा है कि इस बीच क्रूएशिया अपनी राष्ट्रीय रक्षा रणनीति के हिस्से के रूप में कम दूरी की वायु रक्षा प्रणालियों की खरीद पर फ्रांस के साथ बातचीत कर रहा है. उन्होंने कहा कि जर्मनी की पहल पर भाग लेने वाले देशों को एरो 3 या पैट्रियट वायु रक्षा प्रणालियों के साथ यूरोपीय स्काई शील्ड पहल के तौर पर तैयार किया जा रहा है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement