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Pakistan के लिए चीन का भारत से धोखा, आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को बचाने के लिए लगाया पैंतरा

China On Abdul Rehman Makki: चीन ने एक बार फिर भारत के साथ छल कर पाकिस्तान की हिमायत की है. आतंकी अब्दुल रहमान मक्की पर भारत को ड्रैगन ने झटका दिया.

Pakistan के लिए चीन का भारत से धोखा, आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को बचाने के लिए लगाया पैंतरा

हाफिज सईद का खास है मक्की

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डीएनए हिंदी: लश्‍कर-ए-तैयबा के आतंकियों को पाल रहे पाकिस्‍तान को बचा रहे चीन ने फिर से भारत को धोखा दिया है. लश्‍कर आतंकी अब्‍दुल रहमान मक्‍की को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र में अमेरिका और भारत के प्रस्‍ताव को चीन ने बाधित कर दिया है. यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को बचाने की कोशिश चीन की ओर से हुई हो. इससे पहले भी मसूद अजहर को बचाने के लिए चीन ऐसी हरकत कर चुका है.

Pakistan के लिए चीन ने चली चाल
चीन ने एक बार फिर से पाकिस्‍तान की मदद करने के लिए भारत के साथ धोखा किया है. पाकिस्तान संरक्षित आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के अमेरिका और भारत के संयुक्त प्रस्ताव को आखिरी क्षण में बाधित कर दिया है.

अमेरिका और भारत ने सुरक्षा परिषद की अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के लिए संयुक्त प्रस्ताव पेश किया था. मक्की 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का रिश्तेदार और खास सहयोगी है. 

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26/11 Attack के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का खास है मक्की
अमेरिका पहले ही मक्की को आतंकवादी घोषित कर चुका है. मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना एवं 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का रिश्तेदार है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के लिए एक संयुक्त प्रस्ताव पेश किया था. 

भारत और अमेरिका का यह संयुक्त प्रस्ताव आखिरी वक्त में चीन की चालाकी की वजह से बाधित हो गया है. चीन भारत के खिलाफ अपनी चालाकियों से बाज नहीं आ रहा है और वैश्विक मंच पर भी अपनी ताकत का इस्तेमाल उसने पाकिस्तान को बचाने के लिए किया है. 

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मसूद अजहर के लिए भी वीटो का किया था इस्तेमाल 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यीय निकाय में चीन अकेला ऐसा देश था जिसने मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट में डालने से रोकने के लिए एड़ी-चोटी का जोड़ लगाया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 5 राष्ट्र - अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और रूस - स्थायी सदस्य हैं. 

यूएन सुरक्षा परिषद के स्थायी  सदस्यों के पास ‘वीटो’ का अधिकार है. यानी यदि उनमें से किसी एक ने भी परिषद के किसी प्रस्ताव के विपक्ष में वोट डाला तो वह प्रस्ताव पास नहीं होगा. चीन अपनी इस ताकत का इस्तेमाल पाक समर्थित आतंकियों के लिए कर चुका है.

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