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Pakistan: कुर्सी मिलते ही शराफत भूले शहबाज! अलापा Kashmir राग, PM मोदी से कही यह बात

साल 2016 में पठानकोट वायु सेना बेस पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में गिरावट आई है.

Pakistan: कुर्सी मिलते ही शराफत भूले शहबाज! अलापा Kashmir राग, PM मोदी से कही यह बात

Shehbaz Sharif

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डीएनए हिंदी: पाकिस्तान का प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद शहबाज़ शरीफ (Shehbaz Sharif) ने पहले ही भाषण में कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि घाटी में लोगों का ‘खून बह’ रहा है और पाकिस्तान उन्हें ‘कूटनीतिक और नैतिक समर्थन’ देने के साथ-साथ हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह मुद्दा उठाएगा.

इमरान खान (Imran Khan) का स्थान लेने वाले 70 वर्षीय नेता ने कहा कि वह भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं, लेकिन कश्मीर मुद्दे (Kashmir Issue) के समाधान के बिना इसे हासिल नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पड़ोस पसंद की बात नहीं होती है, यह ऐसी चीज है जिसके साथ “हमें रहना है” और बदकिस्मती से भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते शुरू से ही अच्छे नहीं रहे.

उन्होंने अगस्त 2019 में भारत की ओर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर ‘‘गंभीर और कूटनीतिक कोशिश’’ नहीं करने के लिए इमरान खान पर निशाना साधा. पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) के छोटे भाई शहबाज शरीफ ने कहा, “अगस्त 2019 में जब जबरदस्ती अतिक्रमण किया गया और अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया, तो हमने क्या गंभीर कोशिश की... हमने कितनी गंभीर कूटनीति की कोशिश की...कश्मीरियों का खून कश्मीर की सड़कों पर बह रहा है और कश्मीर घाटी उनके खून से लाल है.”

उन्होंने भारत के साथ बेहतर संबंधी की इच्छा व्यक्त की लेकिन इसे कश्मीर मुद्दे से जोड़ दिया.। नव निर्वाचित प्रधानमंत्री ने कहा, “हम भारत के साथ बेहतर संबंध चाहते हैं लेकिन जब तक कश्मीर विवाद का समाधान नहीं हो जाता तब तक स्थायी शांति मुमकिन नहीं है.”

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लोगों को राजनीतिक, कूटनीतिक और नैतिक समर्थन देना जारी रखेगा. शहबाज शरीफ ने कहा, “हम हर मंच पर कश्मीरी भाई-बहनों के लिए आवाज उठाएंगे, कूटनीतिक कोशिश करेंगे, उन्हें कूटनीतिक समर्थन देंगे। हम उन्हें नैतिक समर्थन देंगे.”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए आगे आने को कहा ताकि दोनों देश सीमा के दोनों ओर गरीबी, बेरोजगारी, दवाओं की कमी और अन्य मुद्दों से निपटने पर ध्यान केंद्रित कर सकें. उन्होंने कहा, ‘‘हम क्यों चाहते हैं कि हमारी आने वाली पीढि़यां भुगतें. आइए, संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरियों की अपेक्षाओं के अनुरूप कश्मीर मुद्दे को सुलझाएं, ताकि हम सीमा के दोनों ओर गरीबी को समाप्त कर सकें."

आपको बता दें कि साल 2016 में पठानकोट वायु सेना बेस पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में गिरावट आई है. इसके बाद उरी में भारतीय सेना के शिविर पर हमला किया गया जिसके बाद रिश्ते और बिगड़े. अगस्त 2019 में भारत ने जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को खत्म कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा की.

इसके बाद पाकिस्तान भड़क उठाया और उसने भारत के साथ अपने कूटनीतिक रिश्तों को कम किया और इस्लामाबाद से भारतीय उच्चायुक्त को वापस भेज दिया. इसने भारत के साथ सभी हवाई और भूमि संपर्क भी तोड़ दिए और व्यापार और रेलवे सेवाओं को निलंबित कर दिया. भारत ने कहा है कि वह आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है. भारत ने कहा है कि आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है.

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