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जुलाई में Retail inflation 5 महीने के निचले स्तर 6.71 फीसदी पर आई, जून में IIP 12.3 फीसदी बढ़ा 

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सीपीआई (Consumer Price Index) जुलाई के महीने में 5 महीने के निचले स्तर 6.71 फीसदी पर आ गई, भारत के फैक्ट्री आउटपुट, इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन (Index of Industrial Production) यानी आईआईपी में जून में 12.3 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली.

जुलाई �में Retail inflation 5 महीने के निचले स्तर 6.71 फीसदी पर आई, जून में IIP 12.3 फीसदी बढ़ा 
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डीएनए हिंदीः भारत की खुदरा महंगाई (Retail Inflation) यानी सीपीआई (Consumer Price Index) जुलाई के महीने में 5 महीने के निचले स्तर 6.71 फीसदी पर आ गई, जो पिछले महीने के 7.01 फीसदी से कम है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Program Implementation) द्वारा शुक्रवार को जारी सीपीआई के साथ भारत के फैक्ट्री आउटपुट, इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन (Index of Industrial Production) यानी आईआईपी (IIP) जून में 12.3 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली. 

लगातार 7वें महीने टॉलरेंस लेवल के ऊपर महंगाई 
फरवरी 2022 के बाद से अपने लोएस्ट लेवल पर आने के बाद भी सीपीआई लगातार सातवें महीने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के टॉलरेंस लेवल 6 फीसदी के ऊपरी मार्जिन से ज्यादा है. सरकार ने केंद्रीय बैंक को मार्च 2026 को समाप्त होने वाली पांच साल की अवधि के लिए खुदरा महंगाई को को 4 फीसदी पर 2 फीसदी के मार्जिन के साथ बनाए रखने के लिए कहा है. बढ़ती महंगाई को कम करने के लिए आरबीआई एमपीसी ने पिछले हफ्ते रेपो दर को 50 आधार अंक (बीपीएस) बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया.

आरबीआई ने यह लगाया था अनुमान 
पिछले हफ्ते एमपीसी की बैठक के फैसलों की घोषणा करते हुए, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि खुदरा महंगाई बढ़ी हुई है और कहा कि महंगाई 6 प्रतिशत से ऊपर रहने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक का महंगाई अनुमान 2022-23 में 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा गया है, दूसरी तिमाही में 7.1 फीसदी; तीसरी तिमाही में 6.4 फीसदी पर और चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.8 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है. 

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फूड इंफ्लेशन के आंकड़ें 
आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक यानी सीएफपीआई या फूड बास्केट में महंगाई भी जुलाई के दौरान महीने-दर-महीने गिरकर 6.75 फीसदी हो गई, जो जून में 7.75 फीसदी थी. सब्जियों के दाम जुलाई में साल के हिसाब से 10.90 फीसदी बढ़ी हैं. इसके अलावा मसालों में 12.89 फीसदी, अनाज और उत्पादों में 6.90 फीसदी और तेल एवं वसा में 7.52 फीसदी की तेजी देखी गई. अंडे की कीमतों में (-)3.84 फीसदी की गिरावट आई लेकिन फल 6.41 फीसदी बढ़े. फूड और बेवरेज के अलावा, फ्यूल और लाइट सेगमेंट में 11.76 फीसदी, कपड़े और जूते में 9.91 फीसदी और हाउसिंग सेगमेंट में 3.90 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. 

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औद्योगिक उत्पादन (IIP)
भारत का फैक्ट्री आउटपुट जिसे आईआईपी के टर्म में मापा जाता है जून के महीने में सालाना आधार पर 12.3 फीसदी की वृद्धि के साथ 137.9 हो गया. आंकड़ों से पता चलता है कि जून 2021 में आईआईपी 13.8 फीसदी बढ़ा था. वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल-जून) में अब तक की औद्योगिक वृद्धि 12.7 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 44.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. जून में इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर 16.4 प्रतिशत बढ़कर 196.9 हो गया. इसके बाद मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 12.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 136.3 पर रहा. माइनिंग सेक्टर में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 113.4 देखा गया. पिछले साल जून में, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 13.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी.

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