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जानिए कितना एवरेज देता है 1.18 लाख हॉर्स पावर वाला INS विक्रांत

INS Vikrant Engine Power: स्वेदशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत का आकार इतना बड़ा है कि इसका वजन 45 हजार टन हो गया है. इतने बड़े जहाज को चलाने के लिए GE मरीन के LM2500 इंजन का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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जानिए कितना एवरेज देता है 1.18 लाख हॉर्स पावर वाला INS विक्रांत

नेवी में शामिल हुआ INS-विक्रांत

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डीएनए हिंदी: भारत ने अपना पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत तैयार कर लिया है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारतीय नौसेना (Indian Navy) के हवाले कर दिया. 45 हजार टन वजन वाले इस युद्धपोत (INS Vikrant) को 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. इसका डेक फुटबॉल के दो मैदानों के बराबर है और इस पर एक साथ 30 एयरक्राफ्ट तैनात किए जा सकते हैं. इसके अलावा इसपर अत्याधुनिक हथियारों को भी तैनात किया गया है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी कहा कि आज दुनिया के सामने भारत के हौसले बुलंद हो गए हैं.

आईएनएस विक्रांत में लगभग 76 प्रतिशत चीजें स्वदेशी लगाई गई हैं और इसे मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है. यह एयरक्राफ्ट कैरियर 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है. आईएनएस विक्रांत पर लड़ाकू विमान उतारने को ट्रायल इस साल के नवंबर महीने में शुरू किया जाएगा और 2023 के मध्य तक यह ट्रायल पूरा भी हो जाएगा.

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LM2500 इंजन

कितने ताकतवर इंजन से चलता है INS-विक्रांत?
इंडियन नेवी के युद्धपोतों और बड़े शिप में GE मरीन के इंजनों का इस्तेमाल किया जाता है. साल 2007 में जब स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर (IAC) योजना शुरू की गई तो GE मरीन ने बताया कि LM2500 मरीन इंजन का इस्तेमाल आईएनएस-विक्रांत में भी किया जाएगा. ये इंजन गैस टरबाइन पर चलते हैं. भारत में GE मरीन, HAL के साथ मिलकर काम करती है.

INS Vikrant

आईएनएस विक्रांत में इस्तेमाल किए जा रहे LM2500 इंजनों की क्षमता 88 मेगावॉट की है यानी कि 1,18,010 हॉर्स पावर. इसमें दो प्रॉपलर्स का इस्तेमाल किया जाता है जिन्हें LM2500 गैस टरबाइन से चलाया जाता है. इतने दमदार इंजनों की बदौलत ही INS विक्रांत की क्रूजिंग स्पीड 18 नॉटिकल मील है और इसकी अधिकतम स्पीड 28 नॉटिकल मील यानी 52 किलोमीटर प्रति घंटा है. एक बार ईंधन भरने के बाद यह 7,500 नॉटिकल मील की यात्रा कर सकता है.

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GE मरीन के मुताबिक, LM2500 इंजन 0.373 lb/Shp-hr यानी 227 ग्राम प्रति किलोवॉट घंटा के हिसाब से गैस का इस्तेमाल करता है. इसी वजह से इसकी रेंज 7500 नॉटिकल मील यानी 13890 किलोमीटर है. युद्धपोतों और एयरक्राफ्ट कैरियर की ईंधन की क्षमता की वजह से ही एक बार में लंबी यात्राएं नहीं करते और बार-बार इन्हें ईंधन भरने के लिए रुकना पड़ता है.

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