Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

BJP सांसद रीता बहुगुणा जोशी को 6 महीने की जेल, जाने किस मामले में हुई सजा

पुलिस ने 12 सितंबर 2012 को रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दायर किया था. 20 फरवरी 2021 को उनके खिलाफ अदालत ने आरोप तय किए थे.

Latest News
BJP सांसद रीता बहुगुणा जोशी को 6 महीने की जेल, जाने किस मामले में हुई सजा

Rita Bahuguna Joshi

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी: लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद रीता बहुगुणा जोशी को छह माह कारावास की सजा सुनाई और 1100 रुपये का अर्थदंड लगाया है. घटना के समय जोशी कांग्रेस की सदस्य थीं. 

जानकारी के मुताबिक, 2012 में विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन कर बैठक करने की आरोप में इलाहाबाद (प्रयागराज) की मौजूदा सांसद रीता बहुगुणा जोशी को एमपी-एमएलए कोर्ट (सांसद-विधायक अदालत) के विशेष अपर मुख्य न्यायिक दंड़ाधिकारी अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने 6 महीने के कारावास व 1100 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. 

सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि 17 फरवरी 2012 की शाम करीब 6 बजकर 50 मिनट पर रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा नगर के बजरंग नगर क्षेत्र में आचार संहिता का उल्लंघन कर प्रचार का समय समाप्त होने के बाद भी जनसभा को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर ‘स्टेटिक सर्विलांस मजिस्ट्रेट’ मुकेश चतुर्वेदी मौके पर पहुंचे और देखा करीब 50 लोगों की भीड़ बजरंग नगर के मकान संख्या 95 एवं 96 के बीच जाने वाली सड़क पर जमा थी और जोशी उन्हें संबोधित कर रही थीं.

20 फरवरी को तय किए गए थे आरोप
वकील ने कहा कि कोर्ट को बताया कि इस मौके पर वीडियो बनाया गया और उन्हें सभा से मना भी किया गया. इसके उपरांत मुकेश चतुर्वेदी द्वारा कृष्णा नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. पुलिस ने 12 सितंबर 2012 को रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दायर किया था. 20 फरवरी 2021 को जोशी के खिलाफ अदालत ने आरोप तय किए थे.

अदालत ने जोशी को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-126 के तहत 6 माह कारावास व 1 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई,जबकि भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के तहत सौ रुपये का जुर्माना लगाया. अभियोजन पक्ष ने बताया कि सजा सुनाए जाने के दौरान अदालत ने जोशी को हिरासत में ले लिया था. बाद में उनकी ओर से दी गई जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए अदालत ने 20 हजार रुपये का बंधपत्र और इतनी ही धनराशि की जमानत दाखिल करने पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.

हालांकि, जमानतदार उपलब्ध न होने के कारण अदालत में बंध पत्र स्वीकार कर उन्हें अपील दाखिल करने की अवधि तक के लिए रिहा कर दिया गया है. गौरतलब है कि जोशी पहले कांग्रेस में थीं लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गई थीं. (इनपुट- भाषा)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement