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डिलीवरी बॉय बना Retired Colonel का 'रक्षक', ऐसे बचाई जान

फूड डिलीवरी बॉय मृणाल को जैसे ही हालात के बारे में पता चला, वे तुरंत ही मदद के लिए तैयार हो गए.

डिलीवरी बॉय बना Retired Colonel का 'रक्षक', ऐसे बचाई जान
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डीएनए हिंदी: आमतौर पर फूड डिलीवरी बॉय अपने ग्राहकों को मुस्तैदी के साथ वक्त पर खाना पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं लेकिन मुंबई के एक फूड डिलीवरी बॉय ने जो कुछ किया वो इंसानियत की मिसाल है. मृणाल किरदत नाम के इस फूड डिलीवरी बॉय ने इंसानियत दिखाते हुए रिटायर्ड कर्नल की जान बचाई. 

क्या है पूरा मामला?
यूं तो मुंबई की सड़कें लंबे ट्रैफिक जाम के लिए जानी जाती हैं लेकिन शाम का वक्त हो और बांद्रा जैसा भीड़भाड़ वाला इलाका हो तो कहना ही क्या. पिछले साल 25 दिसंबर की शाम करीब 6.30 बजे रिटायर्ड कर्नल मनमोहन मलिक की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी जिसके बाद उनका बेटा मनीष गाड़ी में बिठाकर अपने पिता को बांद्रा के लीलावती अस्पताल ले जाने की कोशिश कर रहा था लेकिन ट्रैफिक जाम इतना ज्यादा था कि गाड़ियां चींटी की रफ्तार से रेंग रही थीं. 

रिटायर्ड कर्नल

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इधर पिता की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी. वो कभी भी बेहोश हो सकते थे. इस बीच मनीष ने वहां से गुजर रहे कई बाइक सवारों से मदद की गुहार लगाई लेकिन कोई रुकने को तैयार नहीं था. हालांकि वहां से गुजर रहे फूड डिलीवरी बॉय मृणाल को जैसे ही हालात के बारे में पता चला, वे तुरंत ही मदद के लिए तैयार हो गए. 

डिलीवरी बॉय ने बचाई रिटायर्ड कर्नल की जान

मृणाल ने बीमार कर्नल को अपनी बाइक पर बिठाया और रास्ता बनाते हुए अस्पताल की तरफ निकल पड़े. इस दौरान उन्हें जहां रास्ता नहीं मिलता वहां वह 'एमर्जेंसी है.. इमरजेंसी है.. पीछे मरीज बैठा है रास्ता दो' कहते हुए चिल्लाने लगते. इस तरह रास्ता मिलता गया और कर्नल को वक्त रहते अस्पताल पहुंचाया जा सका. समय पर इलाज मिलने से कर्नल की जान बच गई.

जानकारी के अनुसार, रिटायर्ड कर्नल मनमोहन मलिक को हार्ट और लंग्स की समस्या थी. अपनी जान बचाने के लिए उन्होंने मृणाल किरदत का शुक्रिया अदा किया. इसके अलावा उन्होंने खुद इस स्टोरी को सोशल मीडिया पर शेयर किया जिसके बाद मृणाल की काफी तारीफ हो रही है.

(इनपुट: वैदेही कणेकर)

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