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महिला ने कहा- मुगल खानदान की बहु हूं, Lal Quila मेरा है, कोर्ट ने पूछा-150 सालों से कहां थीं?

महिला ने कहा कि वह मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के प्रपौत्र की विधवा हैं इसलिए वह परिवार की कानूनी वारिस होने के नाते लाल किले पर मालिकाना हक रखती हैं.

महिला ने कहा- मुगल खानदान की बहु हूं, Lal Quila मेरा है, कोर्ट ने पूछा-150 सालों से कहां थीं?

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डीएनए हिंदी: देश की राजधानी दिल्ली से एक रोचक मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने ऐतिहासिक लाल किले (Red Fort) का कानूनी हक होने का दावा किया है. सोमवार को महिला ने लाल किले पर मालिकाना हक जताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर की. उक्त महिला ने खुद को मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के पड़पौत्र की विधवा बताया था.

लाल किले पर मालिकाना हक

महिला ने कहा कि वह मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के प्रपौत्र की विधवा हैं इसलिए वह परिवार की कानूनी वारिस होने के नाते लाल किले पर मालिकाना हक रखती हैं. 

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'लाल किला वापस दिया जाए'

महिला के अनुसार, वह बहादुर शाह जफर के पड़पौत्र मिर्जा मोहम्मद बेदार बख्त की पत्नी हैं जिनका 22 मई 1980 को निधन हो गया था. मुगल शासक ने मनमाने तरीके से जबरन उनके अधिकार छीन लिए थे. अब उन्हें लाल किला वापस दिया जाए. 

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150 वर्षों की देरी क्यों?

हालांकि न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एक पीठ ने इस याचिका को जड़ से खारिज कर दिया. पीठ ने कहा, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) ने 1857 में आपके साथ अन्याय किया फिर इसमें 150 वर्षों की देरी क्यों हुई? इतने सालों से आप कहां थीं? पीठ ने कहा कि 150 से अधिक वर्षों के बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का औचित्य नहीं है.

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