Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Rajni Bala के नाम पर होगा कुलगाम के सरकारी स्कूल का नाम, उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया ऐलान

Teacher Rajni Bala: जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि कुलगाम के सरकारी हाई स्कूल का नाम अब रजनी बाला के नाम पर होगा.

Rajni Bala के नाम पर होगा कुलगाम के सरकारी स्कूल का नाम, उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया ऐलान

रजनी बाला के परिवार से मिलने पहुंचे मनोज सिन्हा

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक स्कूल टीचर रजनी बाला (Rajni Bala) को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी. अब जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने ऐलान किया है कि कुलगाम के गोपालपोरा में स्थित सरकारी हाई स्कूल का नाम रजनी बाला के नाम पर रखा जाएगा. 

उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा बुधवार को रजनी बाला के परिजन से मिलने उनके घर पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि रजनी बाला के परिवार की सभी मांगें पूरी की जाएंगी. इसके अलावा, उनकी सभी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा. आपको बता दें कि 31 मई को रजनी बाला को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी.

यह भी पढ़ें- कश्मीर में स्कूल के बाहर महिला टीचर को गोलियों से भूना

स्कूल के बाहर रजनी बाला को मार दी गई थी गोली
आतंकवादियों ने गोपालपुर का हाई स्कूल के बाहर रजनी बाला को गोलियों से भून दिया था. आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो गई थी. वह जम्मू के सांबा की रहने वाली थीं और कुलगाम के स्कूल में पढ़ाती थीं.

बताते चलें कि कुछ दिन पहले ही कश्मीर के वडगाम के एक सरकारी दफ़्तर में घुसकर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी. 35 साल के राहुल चादूरा तहसील ऑफिस में प्रवासी कश्मीरी पंडितों के रोजगार के लिए दिए गए विशेष पैकेज के तहत तैनात थे. राहुल से पहले भी एक दवा कारोबारी माखन लाल बिंदरू की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

यह भी पढ़ें- Rahul Bhatt के अंतिम संस्कार में लगे 'बीजेपी हाय-हाय' के नारे, पत्नी बोलीं- कश्मीरी पंडित हैं बलि का बकरा

कश्मीर में बढ़ गई हैं टारगेट किलिंग की घटनाएं
आपको यह भी बता दें कि इस साल अब तक कश्मीर में टारगेट किलिंग की 46 घटनाएं हुई हैं. जनवरी में 9, फरवरी में 5, मार्च में 17, अप्रैल में 8 और मई में 7 घटनाएं हुई हैं. यही वजह है कि कश्मीरी पंडित और स्थानीय लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement