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कैप्टन से नाराजगी चन्नी से प्यार, सिद्धू के तेवरों से चली गई Congress सरकार 

शह और मात के खेल में कैप्टन और सिद्धू दोनों के ही हाथ कुछ नहीं लगा. दोनों की चुनाव में हार हो गई.

कैप्टन से नाराजगी चन्नी से प्यार, सिद्धू के तेवरों से चली गई Congress सरकार 

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डीएनए हिंदीः पंजाब के विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election Results 2022) में कांग्रेस (Congress) के सभी अरमानों पर पानी फिर गया है. पिछले 6 महीने के घटनाक्रम पर अगर नजर डालें तो कांग्रेस अंदरूनी कलह से ही जूझती रही. कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच की रार पंजाब से लेकर दिल्ली तक खींचतान के खेल में बदलती रही. शह और मात के इस खेल में कैप्टन और सिद्धू दोनों के ही हाथ कुछ नहीं लगा. चुनाव से पहले दोनों को ही अपनी 'महत्वकांक्षाओं' से समझौता करना पड़ा तो चुनाव में दोनों की हार हो गई. 

कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद माना जा रहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू अगले मुख्यमंत्री बन सकते हैं. इसी बीच चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjeet Singh Channi) की एंट्री हुई. कांग्रेस आलाकमान ने चन्नी के नाम पर मुहर लगा थी. इसके साथ सिद्धू के सभी अरमानों पर पानी फिर गया. हालांकि सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया. सिद्धू ने इसे लेकर नाराजगी भी जाहिर की लेकिन शीर्ष नेतृत्व के सामने उन्हें झुकना ही पड़ा. 

कैप्टन-चन्नी-सिद्धू तीनों की हारे चुनाव 
चुनाव में कांग्रेस से सभी दिग्गजों की हवा निकल गई. पंजाब में कांग्रेस का लंबे समय तक चेहरा रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह इस बार अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस से चुनाव लड़े. चुनाव में  उनकी 19797  वोटों से करारी हार हुई. इतना ही नहीं खुद सीएम चरणजीत सिंह चन्नी दोनों सीटों से चुनाव हार गए. खुद को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू भी चुनाव में कोई कमाल नहीं दिखा पाए. अमृतसर ईस्ट से आप के उम्मीदवार ने उन्हें करारी हार दी.   

पंजाब प्रभारी रहे हरीश रावत की भी हार
कैप्टन और सिद्धू के बीच जब रार जारी थी तो उसे खत्म करने का जिम्मा पंजाब प्रभारी रहे हरीश रावत (Harish Rawat) को दिया गया. उन्होंने कैप्टन और सिद्धू के साथ कई बार बैठक की लेकिन उन्हें मनाने में नाकाम साबित हुए. हरीश रावत ने बाद में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया. हरीश रावत का नाम इस बार उत्तराखंड में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल था. हालांकि वह भी उत्तराखंड में चुनाव हार गए.  

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