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Wholesale Inflation in July: रिटेल महंगाई के बाद अब थोक महंगाई भी हुई कम, आंकड़ों में देखें कितनी मिली राहत 

Wholesale Inflation in July: होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) पर आधारित महंगाई इससे पिछले महीने 15.18 फीसदी और मई में 15.88 फीसदी की रिकॉर्ड ऊंचाई पर थी. यह पिछले साल जुलाई में 11.57 फीसदी थी. 

Wholesale Inflation in July: रिटेल महंगाई के बाद अब थोक महंगाई भी हुई कम, आंकड़ों में देखें कितनी मिली राहत 
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डीएनए हिंदी: खाने-पीने के सामान और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की कीमतों में नरमी से थोक कीमतों पर आधारित महंगाई (Wholesale Inflation in July) जुलाई में घटकर 13.93 फीसदी पर आ गई. होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) पर आधारित महंगाई इससे पिछले महीने 15.18 फीसदी और मई में 15.88 फीसदी की रिकॉर्ड ऊंचाई पर थी. यह पिछले साल जुलाई में 11.57 फीसदी थी. डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति ((WPI Inflation) में जुलाई के दूसरे महीने से गिरावट का रुख देखने को मिला. इससे पहले पिछले साल अप्रैल से लगातार 16वें महीने में यह दोहरे अंकों में थी. 

 

 

खाद्य महंगाई में गिरावट 
जुलाई में खाद्य वस्तुओं की महंगाई घटकर 10.77 फीसदी रह गई, जो जून में 14.39 फीसदी थी. सब्जियों के दाम जुलाई में घटकर 18.25 फीसदी पर आ गए, जो पिछले महीने 56.75 फीसदी पर थे. फ्यूल और बिजली में महंगाई दर जुलाई में 43.75 फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने 40.38 फीसदी थी. मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स और तिलहन की महंगाई क्रमश: 8.16 प्रतिशत और -4.06 प्रतिशत थी. 

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लगातार तीसरी बार रेपो दरों में किया था इजाफा 
भारतीय रिजर्व बैंक मुख्य रूप से मौद्रिक नीति के जरिए मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखता है. खुदरा महंगाई लगातार सातवें महीने रिजर्व बैंक द्वारा तय लक्ष्य से ऊपर रही. जुलाई में यह 6.71 प्रतिशत पर थी. महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने इस साल प्रमुख ब्याज दर को तीन बार बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने 2022-23 में खुदरा महंगाई के 6.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है.

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25 बेसिस प्वाइंट्स का हो सकता है और इजाफा 
इकोनॉमिस्ट्स ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगले महीने अपनी नीतिगत दरों में कम से कम 25 आधार अंकों की वृद्धि करेगा क्योंकि खुदरा महंगाई इस कैलेंडर वर्ष के दौरान अपने टॉलरेंस बैंड से ऊपर रहने की संभावना है. एमपीसी की बैठक 28-30 सितंबर को होगी. आरबीआई एमपीसी ने मई से रेपो दर में 140 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है, जिसमें इस महीने 50 बीपीएस शामिल है, जबकि सरकार ने फ्यूल टैक्स में कटौती करते हुए गेहूं और चीनी सहित फसलों के प्रतिबंधित निर्यात को लागू किया है.

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