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Ukraine में मेडिकल की पढ़ाई करने क्यों जाते हैं भारतीय छात्र ? 5 Points में समझिए

भारत के लगभग 18 हजार छात्र यूक्रेन में हैं. ये छात्र हर साल मेडिकल एजुकेशन के लिए यूक्रेन जाते हैं.

Ukraine में मेडिकल की पढ़ाई करने क्यों जाते हैं भारतीय छात्र ?  5 Points में समझिए

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डीएनए हिंदी: रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से हजारों भारतीय परिवारों में चिंता का माहौल है. वजह है इन भारतीय परिवारों के बच्चे जो यूक्रेन में फंसे हैं. यूक्रेन जहां हर दिन गोली, बारूद और बमबारी का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है.हालांकि इस बीच भारत का अपने नागरिकों को देश वापस लाने का अभियान भी तेजी से जारी है. कुछ छात्र वापस देश आ भी चुके हैं. अब सवाल ये उठता है कि इतने सारी भारतीय बच्चे मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन क्यों जाते हैं?

1. कितने भारतीय छात्र हैं यूक्रेन में
यूक्रेन की मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन एंड साइंस के अनुसार यूक्रेन में भारत के लगभग 18, 095 बच्चे हैं. दुनिया भर से यहां पढ़ने आने वाले छात्रों में 24 प्रतिशत छात्र भारत के हैं.

2. क्या है वजह
पूरे यूरोप की बात की जाए तो मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में यूक्रेन चौथे नंबर पर है. यहां मेडिकल ग्रेजुएट्स और पोस्ट ग्रेजुएट्स स्पेशलिस्ट्स की संख्या तुलनात्मक रूप से ज्यादा है. यूक्रेन की कई यूनिवर्सिटीज में हाई क्वालिटी मेडिकल एजुकेशन दी जाती है.

3. यूक्रेन को क्यों चुनते हैं भारतीय
यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों में उच्च शिक्षा काफी कम फीस पर उपलब्ध होती है. जो अभिभावक भारत में अपने बच्चों की मेडिकल एजुकेशन का खर्च नहीं उठा पाते, वे अक्सर अपने बच्चों को पढ़ने के लिए यूक्रेन भेज देते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन में 6 साल की मेडिकल डिग्री का कुल खर्च 1.7 मिलियन के करीब होता है. ये भारत के प्राइवेट कॉलेजों की तुलना में काफी कम है. 

4 .इसके अलावा और कोई वजह?
भारतीय छात्रों के यूक्रेन जाकर मेडिकल एजुकेशन लेने की दूसरी अहम वजह ये है कि वहां मेडिकल स्कूल में दाखिला लेने के लिए कोई एंट्रेस एग्जाम नहीं देना पड़ता.फिर वहां पढ़ाई के लिए अंग्रेजी भाषा का ही इस्तेमाल होता है तो बाकी सब कुछ भी आसान ही हो जाता है.उन्हें कोई अन्य विदेशी भाषा सीखने की भी जरूरत नहीं पड़ती है. 

5. भारत में कैसे करते हैं प्रैक्टिस
जब ये छात्र यूक्रेन से एमबीबीएस की डिग्री लेकर भारत लौटते हैं तो उन्होंने भारत में प्रैक्टिस करने का लाइसेंस लेने के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन्स फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम पास करना होता है. हर साल 4000 छात्र ये परीक्षा देते हैं, जिनमें से लगभग 700 ही पास हो पाते हैं.

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