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7 साल में लिखीं 10 लाख से ज्यादा चिट्ठी, PM Modi के नाम भी इनसे ख़त लिखवाते हैं लोग

The Indian Handwritten Co. एक स्टार्टअप है, जो लोगों के लिए ख़त लिखने का काम करता है. यहां ख़त हाथ से लिखे जाते हैं.

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7 साल में लिखीं 10 लाख से ज्यादा चिट्ठी, PM Modi के नाम भी इनसे ख़त लिखवाते हैं लोग

anubhav ankit

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डीएनए हिंदी: ख़त की खुशबू याद है आपको! वो सलीके से खत के लिफाफे का चिपका हुआ कोना फाड़ना और पीछे से किसी आवाज का आना - अरे ख़त बचाकर.. 
फिर उस ख़त को खोलने से पढ़ना शुरू करने के बीच के वो पल जो कभी कशमकश लाते थे, कभी गुदगुदी सी !
आज ये सब कुछ सोचते वक्त कितना बीता हुआ सा लगता है वो जमाना, जब ख़त लिखे जाते थे, पढ़े जाते थे.

इसी जमाने को याद करते हुए दो दोस्तों ने मिलकर The Indian Handwritten Letter Co.नाम से एक शुरुआत की. इस शुरुआत से जुड़ी ताजा खबर ये है कि इस वैलेंटाइन वीक ये दोनों दोस्त और इनकी टीम मिलकर लोगों की रिक्वेस्ट के आधार पर हर दिन लगभग 1400 ख़त लिख रहे हैं और दुनिया भर के लोगों तक पहुंचा रहे हैं. मतलब उस बीते जमाने को इन लोगों ने आज के जमाने वाले लोगों से ऐसा जोड़ा है कि सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. 

बोर्डिंग स्कूल में लगी ख़त लिखने की आदत
The Indian Handwritten Letter Co (TIHLC) को शुरू किया है अनुभव अंकित और जसवंत चेरिपल्ली ने. अनुभव अंकित की पढ़ाई बोर्डिंग स्कूल से हुई. वहां हर हफ्ते अपने करीबी और जानने वालों को ख़त लिखना अनिवार्य था. इस तरह चिट्ठियां लिखना अनुभव की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया.

अनुभव बताते हैं, ' उन दिनों हम लोग हर हफ्ते नए-नए टॉपिक सोच रहे होते थे चिट्ठी में लिखने के लिए. कई बार किसी बात को लिखने के लिए कई तरह की काल्पनिक बातें भी उसमें जोड़ देते थे. ये बहुत मजेदार एक्टिविटी हुआ करती थी. स्कूल खत्म हुआ और कॉलेज शुरू हुआ तो ख़त लिखने की ये आदत भी धीरे-धीरे खत्म हो गई, लेकिन शौक खत्म नहीं हुआ.'

 

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साल 2015 में हुई थी शुरुआत
प्रोफेशनल वर्ल्ड में अनुभव ने कदम रखा तो देखा कि मैसेज और कम्यूनिकेशन के ढेरों साधन मौजूद हैं, मगर वो अहसास किसी में नहीं जो ख़त लिखने में है. इसी दौरान उन्हें उनके जैसी ही सोच वाले जसवंत चेलीपल्ली मिले. एक कॉमन फ्रेंड के जरिए दोनों की मुलाकात हुई और पार्टनरशिप तक पहुंच गई. दोनों ने मिलकर साल 2015 के अक्टूबर महीने में The Indian Handwritten Letter Co.नाम से एक ब्लॉग साइट बनाई. ये साइट उन लोगों के लिए थी जो ख़त लिखना चाहते हैं, पर लिख नहीं पाते.

ankit anubhav and jaswant

अनुभव बताते हैं, 'इस साइट को शुरू करने के दो हफ्ते के अंदर ही हमारे पास हजारों रिक्वेस्ट आ गई थीं. हमने ऐसा कुछ सोचा नहीं था. बस शौक-शौक में ये साइट शुरू की थी. उन दो हफ्तों में हमने 2000 से ज्यादा ख़त लिखे.' सन् 2016 के जनवरी महीने में हमने इसे पूरी तरह कस्टमाइज प्रोफेशनल साइट के रूप में लॉन्च किया. 

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कैसे करते हैं काम
TIHLC की टीम के साथ 100 से ज्यादा वॉलंटियर जुड़े हैं. उनके पास ढेर सारे फॉन्ट और स्टाइल के विकल्प हैं. 14 से ज्यादा भाषाओं में आप इस प्लेटफॉर्म के जरिए ख़त लिखवा सकते हैं. एनिवर्सरी लेटर से लेकर बिजनेस लेटर तक हर किसी का प्राइज अलग है. इसकी जानकारी इसकी वेबसाइट पर दी हुई है. TIHLC की पॉलिसी है कि वे उनके पास स्टोर डाटा को तीन हफ्ते के बाद डिलीट कर देते हैं ताकि किसी भी तरह के लीक और गलत इस्तेमाल की कोई गुंजाइश ना रहे.

अनुभव कहते हैं, 'अब लोगों की डिमांड ने हमें एक नेक्सट लेवल पर पहुंचा दिया है. अब हम बिजनेस लेटर भी लिख रहे हैं. अब हम कवर लेटर, रेजीनेशन , अपोलॉजी, स्कूल एप्लीकेशन तक लिख रहे हैं. हालांकि इन सबमें लव लेटर्स की डिमांड सबसे ज्यादा है.  अनुभव बताते हैं, 'हम सात साल में 10 लाख से ज्यादा ख़त लिख चुके हैं. हमें लखनऊ, कानपुर, रांची, भुवनेश्वर, अहमदाबाद औऱ नागपुर तक से लोगों की रिक्वेस्ट आती हैं. लोग मोदी जी के नाम चिट्ठी लिखने की रिक्वेस्ट भी भेजते हैं. 

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