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Gujarat Riots पर बोले अमित शाह- मीडिया, NGO और विपक्षियों की तिकड़ी ने नरेंद्र मोदी को किया बदनाम, मांगें माफी

Amit Shah ANI Interview: गुजरात दंगों के बारे में अमित शाह ने कहा है कि नरेंद्र मोदी ने कभी भी एसआईटी के सामने नौटंकी नहीं की और हमेशा सभी सवालों के जवाब दिए.

Gujarat Riots पर बोले अमित शाह- मीडिया, NGO और विपक्षियों की तिकड़ी ने नरेंद्र मोदी को किया बदनाम, मांगें माफी

अमित शाह 

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डीएनए हिंदी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में गुजरात दंगों (Gujarat Riots) पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जवाब दिया है. सुप्रीम कोर्ट में पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी ज़किया जाफरी (Zakia Jafri) की याचिका खारिज कर दी है. इसी मामले पर अमित शाह ने कहा है कि मोदीजी ने एसआईटी जांच का हमेशा सामना किया और कभी भी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तरह 'नौटंकी' नहीं की. अमित शाह ने कहा कि कुछ एनजीओ, मीडिया और राजनीतिक विरोधियों की तिकड़ी ने इतना दबाव बनाया कि सभी आरोपों को सच माना जाने लगा. उन्होंने कहा कि अगर इन लोगों में शर्म बची है तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें माफी मांगनी चाहिए.

एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने गुजरात दंगों के बारे में खुलकर बात की और कहा कि नरेंद्र मोदी को पहली बार क्लीनचिट नहीं मिली है. उन्होंने राहुल गांधी के ईडी के सामने पाने पेश होने के दौरान हंगामे के बारे में कांग्रेस को आड़े हाथ लिया और कहा कि एसआईटी की पूछताछ के दौरान नरेंद्र मोदी ने कभी भी विरोध प्रदर्शन नहीं किया और जांच में सहयोग देते हुए हमेशा सवालों के जवाब दिए.

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'तकलीफ सहकर 'विषपान' करते रहे मोदी'
अमित शाह ने कहा, 'इतने बड़े नेता ने 18-19 साल तक बिना एक शब्द कहे यह लड़ाई लड़ी और भगवान शंकर की तरह दर्द का विषपान करते रहे. मैंने उन्हें बेहद करीब से देखा है कि वह कितनी तकलीफों से गुजरे हैं. कोई मजबूत इच्छाशक्ति वाला शख्स ही इस तरह का फैसला ले सकता है कि कोर्ट में केस चलने की वजह से वह कुछ भी न कहे.'

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राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के बारे में अमित शाह ने कहा, 'मोदीजी को कोई पहली बार क्लीन चिट नहीं मिली है. जब एसआईटी बनाई गई तो मोदीजी ने पेश होते समय नौटंकी नहीं की कि मेरे समर्थन में गांव-गांव से आ जाओ. न तो उन्होंने विधायकों और सांसदों से धरना देने को कहा. एसआईटी ने उनसे सवाल पूछा तो वह खुद जवाब देने को तैयार थे. इसमें विरोध प्रदर्शन क्यों करना?'

तीस्ता सीतलवाड़ पर बरसे अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि बीजेपी के राजनीतिक विरोधियों, विचारधारा से बंधे और राजनीति से प्रेरित पत्राकरों और कुछ एनजीओ ने इन आरोपों को प्रचारित किया. उनका इकोसिस्टम इतना मजबूत था कि लोग भरोसा करने लगे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में अमित शाह ने कहा, 'मैंने जल्दी-जल्दी में कोर्ट का ऑर्डर पढ़ा है लेकिन यह इसमें साफ-साफ तीस्ता सीतलवाड़ का नाम है. उनका एक एनजीओ था जिसने सभी थानों में ऐप्लिकेशन दिए जिनमें बीजेपी कार्यकर्ताओं के नाम थे. मीडिया का इतना दबाव था कि सभी ऐप्लिकेशन को सच मान लिया गया.'

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जाकिया जाफरी की याचिका के बारे में अमित शाह ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जाकिया जाफरी किसी और के निर्देशों पर काम कर रही थीं. एनजीओ ने कई पीड़ितों के एफिडेविट साइन किए और उन पीड़ितों को इस बारे में पता ही नहीं था. सब को पता था कि तीस्ता सीतलवाड़ का क्या कर रहा था. जब यूपीए की सरकार आई तो उन्होंने एनजीओ की मदद भी की.'

'गोधरा कांड के पीड़ितों की शवयात्रा की बाद झूठी'
एसआईटी बनाने के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है, 'गोधरा में ट्रेन जलाए जाने के बाद हुए पहले से प्लान किए नहीं गए थे बल्कि वे खुद-ब-खुद बढ़ गए. कोर्ट ने तहलका के स्टिंग ऑपरेशन को खारिज कर दिया क्योंकि जब पहले और बाद के फुटेज सामने आए तो पाया गया कि यह वीडियो राजनीतिक रूप से मोटिवेटेड था.'

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दंगों के बारे में अमित शाह ने कहा कि प्रशासन ने अच्छा काम किया लेकिन गोधरा में ट्रेन जलाए जाने के बाद लोगों में गुस्सा था लेकिन किसी को इसका एहसास ही नहीं था. बाद में स्थिति हाथ से निकल गई. कोई प्रोफेशनल इनपुट नहीं था कि इस तरह की घटनाएं हो सकती हैं. गोधरा कांड में जल गए लोगों की शवयात्रा निकाले की बात पूरी तरह से झूठ है. उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया और उनके परिवारों को सौंप दिया गया.

'गुजरात सरकार ने नहीं की देरी, उसी दिन बुलाई थी सेना'
केंद्रीय गृहमंत्री ने आगे कहा, 'जो कुछ भी हुआ वह स्थिति पर काबू पाने के लिए हुआ. केपीएस गिल साहब ने कहा था कि उन्होंने अपनी जिंदगी में इतनी त्वरित और अपने आप होने वाली प्रतिक्रिया नहीं देखी, फिर भी उन पर आरोप लगाए गए. गुजरात सरकार की बात करें तो हम लेट नहीं थे. जिस दिन गुजरात बंद का आह्वान किया गया हमने उसी दोपहर को आर्मी बुला लिया. आर्मी को आने में समय लगता है. एक दिन की भी देरी नहीं हुई कोर्ट ने भी इसकी तारीफ की.'

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नरेंद्र मोदी की तत्कालीन गुजरात सरकार की तारीफ करते हुए अमित शाह ने कहा, 'मोदी जी ने उदाहरण सेट किया और दिखाया कि संविधान का सम्मान किस तरह किया जाता है. उनसे पूछताछ हुई लेकिन किसी ने धरना नहीं दिया, कार्यकर्ता उनके साथ समर्थन दिखाने नहीं आए. अगर आरोप लगाने वालों में शर्म बची है तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए. गुजरात के दंगों का मुख्य कारण था गोधरा में ट्रेन का जलाया जाना. एक 16 दिन के बच्चे समेत 59 लोगों को आग में जलाकर मार डाला गया.'

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