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President Droupadi Murmu Speech: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया देश को संबोधित, पढ़िए भाषण की 10 बड़ी बातें

President Droupadi Murmu ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया है. इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान को याद कर उन्हें श्रृद्धांजलि दी है.

President Droupadi Murmu Speech: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया देश को संबोधित, पढ़िए भाषण की 10 बड़ी बातें
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डीएनए हिंदी: देश 75वां स्वतंत्रता दिवस (75th Independence Day) यानी आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Amrit Mahotsav) मना रहा है. ऐसे में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने देश को संबोधित किया. 14 अगस्त के दिन को विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस (Vibhajan Vibhishika Diwas) के रूप में मनाया जा रहा है और इस मौके पर द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति के तौर पर पहली बार देश को स्वतंत्रता दिवस के ठीक पहले संबोधित किया है. उन्होंने इस दौरान देश के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख किया है. 

1- स्वतंत्रता सेनानियों को नमन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 15 अगस्त 1947 के दिन हमने औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को काट दिया था. उस शुभ-दिवस की वर्षगांठ मनाते हुए हम लोग सभी स्वाधीनता सेनानियों को सादर नमन करते हैं. उन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया ताकि हम सब एक स्वाधीन भारत में सांस ले सकें. 

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2- भारत ने लोकतंत्र को अपनाया

राष्ट्रपति ने कहा है कि अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में वोट देने का अधिकार प्राप्त करने के लिए महिलाओं को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था लेकिन हमारे गणतंत्र की शुरुआत से ही भारत ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया जो कि हमारी लोकतांत्रिक ताकत और सर्व समाज को साथ लेकर चलने की संस्कृति को दर्शाता है.

3- जनता को समर्पित महोत्सव

आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर राष्ट्रपति ने कहा है कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मार्च 2021 में दांडी यात्रा की स्मृति को फिर से जीवंत रूप देकर शुरू किया गया. उस युगांतरकारी आंदोलन ने हमारे संघर्ष को विश्व-पटल पर स्थापित किया. उसे सम्मान देकर हमारे इस महोत्सव की शुरुआत की गई। यह महोत्सव भारत की जनता को समर्पित है.

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4- देश को दी बधाई और शुभकामनाएं

राष्ट्रपति ने कहा कि मैं भारत के सशस्त्र बलों, विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों और अपनी मातृभूमि को गौरवान्वित करने वाले प्रवासी-भारतीयों को स्वाधीनता दिवस की बधाई देती हूं. मैं सभी देशवासियों के सुखद और मंगलमय जीवन के लिए शुभकामनाएं व्यक्त करती हूं.

5- संकल्प का किया अनुरोध

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि आज जब हमारे पर्यावरण के सम्मुख नई-नई चुनौतियां आ रही हैं, तब हमें भारत की सुंदरता से जुड़ी हर चीज का दृढ़तापूर्वक संरक्षण करना चाहिए. जल, मिट्टी और जैविक विविधता का संरक्षण हमारी भावी पीढ़ियों के प्रति हमारा कर्तव्य है. हमारे पास जो कुछ भी है, वह हमारी मातृभूमि का दिया हुआ है. इसलिए हमें अपने देश की सुरक्षा, प्रगति और समृद्धि के लिए अपना सब कुछ अर्पण कर देने का संकल्प लेना चाहिए.

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6- नागरिकों से की अपील

द्रौपदी मु्र्मू ने कहा कि भारत में आज संवेदनशीलता व करुणा के जीवन-मूल्यों को प्रमुखता दी जा रही है. इन जीवन-मूल्यों का मुख्य उद्देश्य हमारे वंचित, जरूरतमंद तथा समाज के हाशिये पर रहने वाले लोगों के कल्याण हेतु कार्य करना है. देश के प्रत्येक नागरिक से मेरा अनुरोध है कि वे अपने मूल कर्तव्यों के बारे में जानें, उनका पालन करें, जिससे हमारा राष्ट्र नई ऊंचाइयों को छू सके.

7- आदिवासियों का किया उल्लेख 

अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति ने कहा पिछले वर्ष से हर 15 नवंबर को ‘जन-जातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का सरकार का निर्णय स्वागत-योग्य है. हमारे जन-जातीय महानायक केवल स्थानीय या क्षेत्रीय प्रतीक नहीं हैं बल्कि वे पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं. हमारा संकल्प है कि वर्ष 2047 तक हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों को पूरी तरह साकार कर लेंगे.

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8- कोरोना पर पाई विजय

देश में  कोरोना की स्थिति और वैक्सिनेशन को लेकर राष्ट्रपति ने कहा कि हमने देश में ही निर्मित वैक्सीन के साथ मानव इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया. पिछले महीने हमने दो सौ करोड़ वैक्सीन कवरेज का आंकड़ा पार कर लिया है. इस महामारी का सामना करने में हमारी उपलब्धियां विश्व के अनेक विकसित देशों से अधिक रही हैं. 

9- तेजी से बढ़ रहा है भारत

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि जब दुनिया कोरोना महामारी के गंभीर संकट के आर्थिक परिणामों से जूझ रही थी तब भारत ने स्वयं को संभाला और अब पुनः तीव्र गति से आगे बढ़ने लगा है. इस समय भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही प्रमुख अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक है. 

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10- महिला सशक्तिकरण का उल्लेख

महिलाओं की सहभागिता को लेकर राष्ट्रपति ने कहा कि आज देश में स्वास्थ्य, शिक्षा और अर्थ-व्यवस्था तथा इनके साथ जुड़े अन्य क्षेत्रों में जो अच्छे बदलाव दिखाई दे रहे हैं, उनके मूल में सुशासन पर विशेष बल दिए जाने की प्रमुख भूमिका है. भारत के नए आत्म-विश्वास का स्रोत देश के युवा, किसान और सबसे बढ़कर देश की महिलाएं हैं. महिलाएं अनेक रूढ़ियों और बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ रही हैं. सामाजिक और राजनीतिक प्रक्रियाओं में उनकी बढ़ती भागीदारी निर्णायक साबित होगी.

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