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पूर्वी लद्दाख के PP-15 से पीछे हटीं भारत-चीन की सेनाएं, डेमचोक-देपसांग में अब भी टेंशन 

पूर्व लद्दाख के पीपी-15 पॉइंट पर भारत-चीन के लगभग 30 सैनिक आमने-सामने की स्थिति में थे. हालांकि बीच-बीच में इनकी संख्या बदलती रहती थी.

पूर्वी लद्दाख के PP-15 से पीछे हटीं भारत-चीन की सेनाएं, डेमचोक-देपसांग में अब भी टेंशन 

सांकेतिक तस्वीर

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डीएनए हिंदी: पूर्व लद्दाख में पिछले करीब 28 महीनों से भारत और चीन की सेनाओं के बीच चल रही तनातनी अब खत्म होती नजर आ रही है. पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग और गोगरा के पेट्रोलिंग पॉइंट-15 से दोनों देशों की सेनाएं मंगलवार को पूरी तरह से पीछे हट गई हैं. दोनों देशों की सेनाओं ने वहां टकराव वाले पॉइंट से अपने सैनिकों को वापस हटाने और अस्थायी बुनियादी ढांचे को खत्म करने का फैसला किया है.

जानकारी के मुताबिक, दोनों देशों ने चरणबद्ध और समन्वित तरीके से अपने-अपने सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा किया. दोनों सेनाओं के स्थानीय कमांडरों ने उस टकराव वाले बिंदु से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया के समापन के बाद एक बैठक की जहां दोनों पक्षों में 2 साल से अधिक समय से गतिरोध चल रहा था. दोनों देशों की गश्त चौकी15 (पीपी-15) से पीछे हट गए हैं लेकिन डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में गतिरोध को दूर करने में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है.

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भारत-चीन के 30-30 सैनिक थे तैनात
भारत और चीन की सेनाओं ने 8 सितंबर को घोषणा की थी कि उन्होंने पूर्वी लद्दाख के गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स में पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी)-15 क्षेत्र से पीछे हटना शुरू कर दिया है. दोनों सेनाओं ने 8 सितंबर को प्रक्रिया की शुरुआत की घोषणा करते हुए कहा था कि गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र से सैनिकों का पीछे हटना जुलाई में उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के 16वें दौर का परिणाम है. गौरतलब है कि दोनों देशों के लगभग 30 सैनिक पीपी-15 क्षेत्र में आमने-सामने की स्थिति में थे लेकिन क्षेत्र की समग्र स्थिति के आधार पर सैनिकों की संख्या बदलती रही. भारत लगातार यह कहता रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और स्थिरता द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है. 

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पैंगोंग में 2020 में हुई थी सैनिकों की झड़प
पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई 2020 को पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हो गया था. भारत-चीन ने धीरे-धीरे हजारों सैनिक और भारी हथियारों की तैनाती कर दी थी. कई दौर की सैन्य और राजनयिक वार्ता के परिणामस्वरूप दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की थी. पैंगोंग झील क्षेत्र से पीछे हटने की प्रक्रिया पिछले साल फरवरी में हुई थी, जबकि गोगरा में ‘पैट्रोलिंग प्वाइंट’ 17 (ए) क्षेत्र से सैनिकों और हथियारों की वापसी पिछले साल अगस्त में हुई थी.

(PTI इनपुट के साथ)

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