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मोदी सरकार ने स्वास्थ्य को विकास से जोड़ा, लोगों को ध्यान में रखकर बनाई गईं अफोर्डेबल योजनाएं- मंडाविया

मनसुख मंडाविया ने कहा कि पीएम मोदी का अप्रोच- टोटल अप्रोच है इसलिए उन्होंने हेल्थ को विकास से जोड़ते हुए देशवासियों के लिए कई योजनाओं को लॉन्च किया.

मोदी सरकार ने स्वास्थ्य को विकास से जोड़ा, लोगों को ध्यान में रखकर बनाई गईं अफोर्डेबल योजनाएं- मंडाविया

Image Credit- Twitter/mansukhmandviya

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डीएनए हिंदी: देश के हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को Zee Media के न्यूज चैनल Zee Hindustan द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 'आरोग्यम' में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने भारत सरकार द्वारा देश के लोगों के लिए चलाई जा रहीं विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी लोगों को दी.

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का अप्रोच- टोटल अप्रोच है इसलिए उन्होंने हेल्थ को विकास से जोड़ते हुए देशवासियों के लिए कई योजनाओं को लॉन्च किया.

मनसुख मंडाविया ने कार्यक्रम में कहा कि आजकल हेल्थ बहुत चर्चित विषय है. हमारी सरकार में हेल्थ को एक अलग दृष्टि से देखा गया है. पीएम मोदी हमेशा हर चीज को टोटल में देखते हैं, उनका अप्रोच- टोटल अप्रोच होता है. उनकी प्राथमिकता है कि हमारे देश स्वस्थ होना चाहिए. इसलिए उन्होंने हेल्थ को विकास के साथ जोड़ा है. हेल्थ को टोटल अप्रोच से देखते हुए PM ने जो योजनाएं चलाई, वो समझनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि देश के अंतिम छोर पर रहने वाले नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवा कैसे मिले, जेब खर्च कैसे कम हो इसलिए पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर चलाए. देश में 5-6 गांव में एक ऐसा सेंटर हो, जहां 10-15 प्रकार के diagnosis हों, लोगों की हेल्थ देखी जाए, वहां स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य की चिंता की जाए.

उन्होंने बताया कि आज देश में 90 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर शुरू हो चुके हैं और आने वाले दिनों में 1 लाख 50 हजार वेलनेस सेंटर चालू हो जाएंगे. देश में MBBS डॉक्टर बढ़ाने का प्रयास किया गया है. 157 नए मेडिकल कॉलेजों को अप्रूवल दिया गया, उनमें 85 हजार से ज्यादा सीटें हो गईं. 

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि लोगों को अफोर्डेबल हेल्थ सेवाएं मिलें, इसके लिए पीएम मोदी ने Ayushman भारत योजना के तहत किसी भी ट्रीटमेंट के लिए देश के 50 करोड़ लोगों को हेल्थ सिक्योरिटी दी. देश में सस्ती और अच्छी दवाओं के लिए 8500 से ज्यादा जनऔषधि केंद्र चलाए जा रहे हैं. इसके अलावा देश के नागरिकों के हेल्थ रिकॉर्ड को रखने के लिए डिजिटल हेल्थ कार्ड को स्वीकृति दी गई है.
 

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