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Margashirsha Amavasya: साल की आखिरी अमावस्या आज, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, क्यों है इसका महत्व

Amavasya- साल की आखिरी अमावस्या आज 23 दिसंबर को है, यह मार्गशीर्ष तिथि पर है, इसलिए इसका महत्व है, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त क्या है

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Margashirsha Amavasya: साल की आखिरी अमावस्या आज, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, क्यों है इसका महत्व
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डीएनए हिंदी: Margashirsha Amavasya 2022- वैसे तो हर अमावस्या का महत्व होता है, इस दिन स्नान दान करने से ज्यादा फल मिलता है. साल 2022 की आखिरी अमावस्या (Years last amavasya) आज 23 दिसंबर को है. यह मार्गशीर्ष अमावस्या के नाम से जानी जाती है. यह बहुत बड़ी अमावस्या है और आखिरी भी, इसलिए इसका महत्व खास है. आइए जानते हैं स्नान दान का का शुभ मुहूर्त और महत्व.

पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की ​अंतिम तिथि को अमावस्या कहते हैं और इस साल यह तिथि 23 नवंबर 2022, बुधवार यानी कल है. इस दिन पितरों को श्राद्ध कर्म करना फलदायी माना गया है. बता दें कि अमावस्या तिथि 23 नवंबर को सुबह 6 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी और 24 नवंबर को सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी. इस बीच ही दान और स्नान का महत्व है. 

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स्नान और दान का शुभ मुहूर्त (Amavasya Snan Daan Shubh Muhurat)

मार्गशीर्ष माह में स्नान और दान का विशेष महत्व है. कहते हैं कि ऐसा करने से लोगों को पितरों का आशीर्वाद मिलता है और मोक्ष के रास्ते खुलते हैं. 23 नवंबर को स्नान और दान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 6 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगा.

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महत्व (Margashirsha Amavasya Significance)

यह अमावस्या इसलिए खास है क्योंकि यह साल की आखिरी और मार्गशीर्ष अमावस्या है. इसके साथ ही इस दिन पितृ दोष खत्म होता है. इस दिन नदी में स्नान के बाद पितरों को जल से तर्पण करना चाहिए. इससे पितर प्रसन्न और तृप्त होते हैं, जिन लोगों पर पितृ दोष होता है, उनको मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन अपने पितरों के लिए पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण आदि कार्य करना चाहिए. इस दिन पूजा के समय गजेंद्र मोक्ष का पाठ करना चाहिए. इससे पितर दोष खत्म होता है और उनका आशीर्वाद परिवार पर हमेशा बना रहता है. इस दिन ब्राह्मणों को भोजन का दान दें. 

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