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Fact Check: क्या सच में वाईफाई नेटवर्क लगाने पर सरकार दे रही नौकरी और पैसे? PIB ने किया फैक्ट चेक

पीआईबी ने वाईफाई नेटवर्क स्थापित करने और बदले में पैसे समेत नौकरी देने का दावा करने वाले एक वायरल मैसेज का फैक्ट चेक किया है.

Fact Check: क्या सच में वाईफाई नेटवर्क लगाने पर सरकार दे रही नौकरी और पैसे? PIB ने किया फैक्ट चेक
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डीएनए हिंदी: डिजिटल इंडिया (Digital India) के तहत लगातार देश में मोदी सरकार (Modi Government) वाईफाई कनेक्शन को पुख्ता कर रही है और लोगों को डिजिटली एक्टिव रहने के लिए भी प्रेरित कर रही है. ऐसे में एक  फोटो वायरल हो रही है जिसमें लोगों को अपनी जमीन पर वाईफाई कनेक्शन और नेटवर्क स्थापित करने के लिए पैसा देने की बात कही जा रही है. साथ ही इस प्रक्रिया के चलते  लोगों से कुछ पैसे भी मांगे जा रहे हैं लेकिन यह प्रचार कितना सही है चलिए समझते है. 

क्या है यह मैसेज

दरअसल सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है जो कि एक पोस्टर है जिस पर डिजिटल इंडिया का लोगों लगाया गया है. इस मैसेज की बात करें तो इसमें लिखा है, "यह पत्र आपके मोबाइल पर डिजिटल इण्डिया की तरफ से भेजा गया है. आपको सूचित किया जाता है कि आपके ग्राम सभा में आपके जगह को वाई-फाई डिजिटल इण्डिया के तहत नेटवर्क द्वारा सर्वे टीम ने उस जगह को जाँच करके (फीक्वेंसी) चेक-कर लिया है. यह जगह आपके नाम से पास है. ऐसा सुरक्षा की दृष्टि एवं दूसरी कम्पनियों के नेटवर्क को ध्यान में रखते हुए किया गया है."

वहीं इसके साथ ही इसमें कुछ पैसे भी मांगे गए है. इसमें लिखा है कि, "आप को सूचित किया जाता है कि जिस जगह पर ( वाई-फाई नेटवर्क) लगेगा उस जगह का किराया के रूप में प्रतिमाह 25000/- रू० जगह का एडवांस के रूप में कम्पनी 30 लाख रूपया तथा 20 वर्ष का कोर्ट एग्रीमेंट तथा एक व्यक्ति को स्थाई कर्मचारी के रूप में नौकरी दी जाती है जिनका 25000/ दिया जाता है. उनकी योग्यता 10 वीं पास होने अनिवार्य है. आपको आवेदन के रूप में (रु. 730/-) शुल्क जमा करना होगा. अतः आपसे निवेदन है कि इन बातों को गम्भीरता से ध्यान दें और पेमेंट 96 घंटे में हो जानी चाहिए."

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पीआईबी फैक्ट चेक 

ऐसे में पहली नजर में यह पोस्टर सच लगता है लेकिन क्या यह सच है. इसको लेकर प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो में एक ट्वीट करके बताया है कि यह पोस्टर फेक है. इस ट्वीट में पीआईबी ने लिखा, "एक अनुमोदन पत्र में दावा किया गया है कि भारत सरकार डिजिटल इंडिया के तहत मोबाइल टावर और वाईफाई नेटवर्क स्थापित कर रही है. पत्र में पंजीयन शुल्क के बहाने 730 रुपये देने की भी मांग की जा रही है. यह पत्र पूर्णतः झूठा है और दुषप्रचार है और सरकार ने ऐसा कोई लेटर नहीं जारी किया है. 

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स्पष्ट है कि पीआईबी ने इस फेक न्यूज का भंडाफोड़ कर दिया है. ऐसे में यदि कोई मैसेज आपके पास आए तो आपको भी सतर्क रहना होगा.  

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