Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Indian diaspora In USA: बाइडेन प्रशासन में एक और भारतीय, पहले जिस कोर्ट में क्लर्क थे, अब वहीं जज बनेंगे अरुण

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस समेत कई भारतीयों को पहले ही अपने साथ जोड़ा हुआ है.

Indian diaspora In USA: बाइडेन प्रशासन में एक और भारतीय, पहले जिस कोर्ट में क्लर्क थे, अब वहीं जज बनेंगे अरुण
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने अपने प्रशासन में एक और भारतीय को जगह दे दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारतीय-अमेरिकी मूल के अटॉर्नी अरुण सुब्रमण्यम (Arun Subramanian) को यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में जज नियुक्त किया है. अरुण को न्यूयॉर्क (New York) के सदर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में नियुक्त किया गया है. इस नियुक्ति की जानकारी 6 सितंबर को व्हाइट हाउस (White House) की तरफ से सीनेट को भेजी गई है. सीनेट की मंजूरी मिलते ही अरुण उसी कोर्ट में जज बन जाएंगे, जहां वे 1 साल तक लॉ क्लर्क रह चुके हैं.

व्हाइट हाउस ने ऑफिशियस बयान में कहा, इस नियुक्ति के साथ ही राष्ट्रपति बाइडेन की तरफ से घोषित फेडरल ज्युडिशियल नॉमिनी की संख्या 143 हो गई है. यह 26वां मौका है, जब अपने कार्यकाल में बाइडेन ने न्यायिक नियुक्तियों की घोषणा की है. इनमें से 13 बार नियुक्तियां साल 2022 में ही की गई हैं.

पढ़ें- James Webb Telescope ने अंतरिक्ष में कैद की एक और हैरान करने वाली तस्वीर, जानिए क्या हैं इसके मायने?

सीनेट से मंजूरी मिलने पर पहले दक्षिण एशियाई जज बनेंगे अरुण

व्हाइट हाउस के मुताबिक, अरुण की नियुक्ति की पुष्टि अमेरिकी सीनेट से होनी बाकी है. सीनेट के मंजूरी देते ही अरुण सदर्न कोर्ट में जज बनने वाले पहले दक्षिण एशियाई जज बन जाएंगे. अरुण फिलहाल न्यूयॉर्क की लॉ फर्म सुस्मान गोडफ्रे LLP (Susman Godfrey LLP) में पार्टनर हैं, जहां उन्होंने साल 2007 में काम करना शुरू किया था.

पढ़ें- Supreme Court की संविधान पीठ बनी 'ग्रीन बेंच', पेपरलैस होगी सुनवाई, वकीलों को दिया ये आदेश

कोलंबिया लॉ स्कूल (Columbia Law School) से साल 2004 में ज्यूरिस डॉक्टर (JD) करने वाले अरुण ने साल 2001 में केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी (Case Western Reserve University) से BA किया था. अपने करियर में इससे पहले अरुण ने साल 2006 से 2007 तक यूनाइटेड स्टेट्स सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of the United States) में जस्टिस रूथ बेडर गिन्सबर्ग (Justice Ruth Bader Ginsburg) के साथ लॉ क्लर्क के तौर पर काम किया था.

इसके अलावा वे न्यूयॉर्क यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में भी साल 2005 से 2006 तक जस्टिस गेरार्ड ई. लिंच ( Judge Gerard E. Lynch) और यूनाइटेड स्टेट्स कोर्ट ऑफ अपील्स (United States Court of Appeals) फॉर सेकंड सर्किट में जज डेनिस जैकब्स (Judge Dennis Jacobs) के साथ लॉ क्लर्क रहे हैं.

पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता ने क्यों कहा, कपड़े पहनने के अधिकार में क्या कपड़े उतारने का भी हक शामिल है? 

सामाजिक मुद्दों से जुड़े मामले लड़ने के लिए हैं फेमस

सुस्मान गॉडफ्रे की वेबसाइट के मुताबिक, सुब्रमण्यम सामाजिक मुद्दों से जुड़े मामलों की लड़ाई लड़ते रहे हैं. उन्होंने फॉल्स क्लेम एक्ट केसेज, चाइल्ड पोर्नोग्राफी में ह्यमून ट्रैफिकिंग के पीड़ितों, अनुचित तरीकों से पीड़ित कंज्यूमर्स और सार्वजनिक संस्थाओं व व्हिसलब्लोअर्स से जुड़े मामलों को कोर्ट में उठाया है. 

पढ़ें- बीमारियों के खिलाफ कमजोर हो रहे भारतीय, जरूरत से ज्यादा खा रहे एंटीबॉयोटिक्स, ये दवा हो रही सबसे ज्यादा यूज

बाइडेन प्रशासन में हैं ये भारतीय

राष्ट्रपति जो बाइडेन की नियुक्ति के बाद अमेरिकी प्रशासन में भारतीय मूल के अमेरिकियों का दबदबा बढ़ा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 130 भारतीय मूल के अमेरिकी विभिन्न पदों पर तैनात हैं. अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamla Harris) भारतीय मूल की ही हैं. उनके अलावा अमेरिकी सर्जन जनरल पद पर डॉ. विवेक मूर्ति, डायरेक्टर आफ कंज्यूमर फिनांशियल प्रोटेक्शन ब्यूरो पद पर रोहित चोपड़ा, एसोसिएट अटॉर्नी जनरल पद पर वनिता गुप्ता, अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी जिल बाइडन के पॉलिसी डायरेक्टर पद पर माला अडिगा समेत कई भारतीय बेहद अहम पदों पर तैनात हैं.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement