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आखिर कौन है US का वो डिप्लोमैट जिस पर Imran Khan ने लगाएं हैं सरकार गिराने के गंभीर आरोप

इमरान खान की सरकार फिलहाल गिरने से बच गई है. उन्होंने राष्ट्रपति से देश की संसद को भंग करने की मांग कर दी है.

आखिर कौन है US का वो डिप्लोमैट जिस पर Imran Khan ने लगाएं हैं सरकार गिराने के गंभीर आरोप
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डीएनए हिंदी: पाकिस्तान (Pakistan) की सत्ता में इस समय उथल-पुथल की स्थिति है और संसद भंग करने की मांग के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) लगातार अमेरिकी डिप्लोमैट डॉनल्ड लू (Donald Lu) पर आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि उनके पास  सबूत है कि अमेरिका ही उनकी सरकार के खिलाफ साजिश कर रहा है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर ये डॉनल्ड लू हैं कौन? दरअसल, यह एक ऐसे राजनयिक हैं जिनकी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) तक विशेष पहुंच है. और इन्हें दक्षिण एशिया की कूटनीतिक का पूरा भार सौंपा गया है. 

अहम जिम्मेदारी निभाता है यह शख्स 

डॉनल्ड लू साउथ और असिस्टेंट सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर साउथ एंड सेंट्ल एशियन अफेयर हैं. उनके जिम्मे दक्षिण एशिया और सेंट्रल एशियाई देशों में अमेरिकी  नीतियों और अमेरिका के हितों को लागू करने के प्रयास करते हैं. ऐसे में डॉनल्ड लू की शख्सियत उनका प्रोफाइल और उनका काम अहम हो जाता है. अमेरिकी प्रशासन के अनुसार डॉनल्ड लू 15 सितंबर, 2021 को दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के लिए असिस्टेंट सेक्रेटरी बने थे.  

गहन है भाषाई समझ

उन्हें दक्षिण ऐशिया की राजनीतिक स्थिति की गहन समझ है. इसके लिए वो खुद को समय के साथ अपग्रेड किया है. उन्होंने प्रिंसटन विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मास्टर और स्नातक किया है. वह अंग्रेजी के अलावा अल्बानियाई, रूसी, जॉर्जियाई, अज़रबैजानी, उर्दू, हिंदी और पश्चिम अफ्रीकी क्रियो भाषा के जानकार हैं.

भारत पाकिस्तान में मजबूत है पकड़

गौरतलब कि डॉनल्ड लू ने भारत में भी लंबी कूटनीतिक पारी खेली है. साल 2010 से 2013 के बीच में भारत में अमेरिका के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रहे हैं. फिर 2009 से 2010 के बीच वे भारत में अमेरिका के Chargé d’Affaires रहे हैं. अपने करियर के शुरुआती दिनों में डोनाल्ड लू मध्य एशियाई और दक्षिण काकेशस मामलों के ऑफिस में डिप्टी डायरेक्टर रहे थे. यहां उन्होंने 2001 से 2003 के बीच काम किया था. 

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पेशावर में भी किया है काम

आपको बता दें कि डॉनल्ड लू ने भारत-पाकिस्तान की सियासत को समझने में काफी समय बिताया था. 1997 से 2000 के बीच वे नई दिल्ली में अमेरिका के पॉलिटिकल ऑफिसर रहे थे. इसके बाद 1996-97 में वे भारत में अमेरिकी राजदूत के स्पेशल असिस्टेंट रहे. डॉनल्ड लू 1992 से 94 के बीच पाकिस्तान के पेशावर में पॉलिटिकल ऑफिसर रहे हैं. इस तरह उन्हें भारत-पाकिस्तान के पॉलिटिकल डायनामिक्स की पूरी जानकारी है और दोनों जगह उनका मजबूत नेटवर्क भी है. 

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