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UP Elections: Ghaziabad में विपक्ष कमजोर लेकिन अपने ही मुखर, बागी बढ़ाएंगे BJP की मुश्किलें

Ghaziabad Vidhan Sabha Seat: सियासी जानकारों का कहना है कि सदर विधानसभा सीट पर विपक्ष के कमजोर होने के फायदा अतुल गर्ग को मिल सकता है.

UP Elections: Ghaziabad में विपक्ष कमजोर लेकिन अपने ही मुखर, बागी बढ़ाएंगे BJP की मुश्किलें

Image Credit- DNA

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डीएनए हिंदी: गाजियाबाद विधानसभा सीट (Ghaziabad Vidhan Sabha Seat) को भाजपा का गढ़ भी कहा जाता है. साल 1991 से लेकर 2017 के बीच भारतीय जनता पार्टी यहां सिर्फ 2 विधानसभा चुनाव (2002 और 2012) हारी है. साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने यहां बड़ी जीत हासिल की थी.

2017 में मिली बड़ी जीत
2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के अतुल गर्ग ने यहां बहुजन समाज पार्टी को सुरेश बसंल को हराया था. अतुल गर्ग को 1 लाख 24 हजार 201 वोट मिले थे जबकि सुरेश बंसल को 53 हजार वोट ही नसीब हुए. तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के केके शर्मा को महज 39 हजार 648 वोट मिले थे.

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इससे पहले साल 2012 के चुनाव में बसपा के सुरेश बसंल भाजपा के अतुल गर्ग पर भारी साबित हुए थए. उन्होंने अतुल गर्ग को 12 हजार से ज्यादा वोटो में मात दी थी. सुरेश बंसल को इस चुनाव में 64 हजार वोट मिले थे.

2017 का चुनाव परिणाम (Ghaziabad Election Result 2017)

प्रत्याशी पार्टी वोट
अतुल गर्ग भाजपा 1,24,201
सुरेश बंसल बसपा 53,696
केके शर्मा सपा 39,648

भाजपा का बागी हाथी पर हुआ सवार
बसपा ने इस चुनाव में अतुल गर्ग के सामने केके शुक्ला को उतारा है. केके शुक्ला लंबे समय तक भाजपा में रहे हैं लेकिन अतुल गर्ग को फिर से प्रत्याशी बनाए जाने के विरोध में उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया. सपा ने यहां विशाल वर्मा और कांग्रेस ने सुशांत गोयल को टिकट दिया है.

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अपने ही बढ़ाएंगे भाजपा की परेशानी!
गाजियाबाद के सियासी जानकारों का कहना है कि सदर विधानसभा सीट पर विपक्ष के कमजोर होने के फायदा अतुल गर्ग को जरूर मिल सकता है लेकिन विधानसभा के विजय नगर क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा विरोध उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है.

दरअसल विजय नगर क्षेत्र के बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता ही अतुल गर्ग का विरोध कर रहे हैं औऱ सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ मुहिम भी चला रहे हैं. विजय नगर क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं का ही कहना है कि अतुल गर्ग ने मंत्री होने के बावजूद भी शहर के इस हिस्से के विकास पर ध्यान नहीं दिया है.

स्थानीय लोगों के अनुसार, NH-9 के दोनों तरफ बसी कालोनियों में जल भराव बड़ी समस्या है. बड़ी संख्या में सड़कें टूटी हुई हैं. हल्की बारिश में रास्तों का बुरा हाल हो जाता है और लोगों को पैदल भी निकल मुश्किल हो जाता है. इसी वजह से भाजपा के कई कार्यकर्ता निर्दलीय ही चुनाव मैदान में कूद गए हैं.

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