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अगर बागी विधायकों को विधानसभा में नुकसान पहुंचाया गया तो इसके परिणाम भुगतने होंगे- Narayan Rane

Sharad Pawar ने कहा कि एमवीए सरकार के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा, न कि गुवाहाटी में. MVA सदन पटल पर अपना बहुमत साबित करेगा. उन्होंने कहा कि बागी विधायकों को मुंबई वापस आना होगा और विधानसभा का सामना करना होगा. उन्होंने कहा कि गुजरात और असम के भाजपा नेता उनका मार्गदर्शन करने के लिए यहां नहीं आएंगे.

अगर बागी विधायकों को विधानसभा में नुकसान पहुंचाया गया तो इसके परिणाम भुगतने होंगे- Narayan Rane

नारायण राणे

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डीएनए हिंदी: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह शिवसेना के बागी विधायकों को धमका रहे हैं. नारायण राणे ने कहा कि अगर बागी विधायकों को विधानसभा में किसी भी तरह का "नुकसान" पहुंचाया गया तो इसके परिणाम भुगतने होंगे.

इससे पहले दिन में शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी सरकार (MVA) के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा और शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन विश्वास मत हासिल कर लेगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गुवाहाटी में डेरा डाले बागी विधायकों को मुंबई वापस आना होगा.

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नारायण राणे ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, "शरद पवार (बागी) विधायकों को धमका रहे हैं कि उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा आना चाहिए. वे अवश्य वापस आएंगे और अपनी इच्छा के अनुसार मतदान करेंगे. अगर उन्हें किसी तरह का नुकसान हुआ तो घर जाना मुश्किल होगा." पवार का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, "कुछ ऐसे लोग हैं, जिनका समय-समय पर बगावत करने का लंबा इतिहास रहा है."

शरद पवार ने क्या कहा
शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में MVA के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा और शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन विश्वास मत में बहुमत साबित करेगा. पवार ने यह भी कहा कि भाजपा ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के समक्ष उत्पन्न संकट में भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा, "MVA सरकार के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा, न कि गुवाहाटी में. एमवीए सदन पटल पर अपना बहुमत साबित करेगा."

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इस दौरान पवार ने शिवसेना के बागी विधायकों के आरोपों का भी खंडन किया कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए धन प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना इसलिए करना पड़ा, क्योंकि वित्त मंत्रालय राकांपा के अजीत पवार द्वारा नियंत्रित है और उन्होंने उनके साथ भेदभाव किया है. उन्होंने कहा, "ये सब बहाने हैं, इनमें से कुछ विधायक केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच का सामना कर रहे हैं."

राकांपा प्रमुख ने छगन भुजबल के पार्टी बदलने के प्रकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी बागी विधायकों को परिणाम भुगतने होंगे. उन्होंने याद दिलाया कि जब छगन भुजबल कांग्रेस में शामिल होने के लिए शिवसेना से अलग हो गए थे, तब नब्बे के दशक में, एक को छोड़कर उनके सभी समर्थक विधानसभा चुनाव हार गए थे. पवार ने कहा, "इन बागियों का भी यही हश्र होगा."

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