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National Anti-Terrorism Day 2022: क्यों मनाया जाता है आतंकवाद विरोधी दिवस, क्या है इस बार की तैयारी?

21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और हिंसा के रास्ते से दूर करना है.

National Anti-Terrorism Day 2022: क्यों मनाया जाता है आतंकवाद विरोधी दिवस, क्या है इस बार की तैयारी?
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डीएनए हिंदी: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में 21 मई को राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस (National Anti Terrorism Day 2022)  मनाया जाता है. यह दिन शांति, सद्भाव और आतंकवाद जैसे वैश्विक खतरे के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है. गौरतलब है कि बीते कुछ सालों में सरकार, पुलिस और सुरक्षाबल की मदद से आतंकवादी गतिविधियों (Terrorist Activities) में कमी देखने को मिली है. वहीं, हाल ही में केद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्र सरकार के विभागों के साथ-साथ मंत्रालयों को 21 मई को 'उचित तरीके से' आतंकवाद विरोधी दिवस (Anti-Terrorism Day) मनाने के लिए पत्र लिखा है. यह पत्र सचिवों को भेजा गया है. 

क्या है उद्देश्य?
पत्र में कहा गया है, 'हर साल 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और हिंसा के रास्ते से दूर करना है. साथ ही साथ आम लोगों की पीड़ाओं को सामने लाना और यह दिखाना कि यह कैसे राष्ट्रीय हित के लिए हानिकारक है.'    

गृह मंत्रालय ने पत्र में कहा कि सभी कार्यालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों में आतंकवाद विरोधी शपथ भी दिलाई जाएगी. इसके अलावा डिजिटल व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से आतंकवाद विरोधी संदेश को भी प्रसारित किया जा सकता है. 

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कोविड नियमों का करना होगा पालन
COVID-19 महामारी के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने आगे कहा, 'सामाजिक दूरी बनाए रखने और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्धारित और अनुशंसित मास्क पहनने जैसे निवारक उपायों का पालन करना अनिवार्य है.' 

पत्र की एक प्रति राष्ट्रपति सचिवालय, उपराष्ट्रपति सचिवालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार, दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार, कैबिनेट सचिवालय, राज्य सभा सचिवालय, लोकसभा सचिवालय और नीति आयोग को भी भेजी गई है.

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