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Russia-Ukraine War: भारतीय नेताओं के संपर्क में है US, जंग रोकने के लिए कर रहा है गुजारिश

अमेरिका भारत के जरिए रूस पर दबाव बनाने की प्लानिंग कर रहा है जिससे रूस यूक्रेन पर अपने भीषण हमले रोक दे. हालांकि अभी तक भारत का रुख तटस्थ रहा है.

Russia-Ukraine War: भारतीय नेताओं के संपर्क में है US, जंग रोकने के लिए कर रहा है गुजारिश
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डीएनए हिंदी: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) भीषण रूप लेता जा रहा है. अमेरिका (America) समेत पश्चिमी देशों के प्रयासों और प्रतिबंधों के बावजूद रूस ने यूक्रेन के खिलाफ हमले नहीं रोके हैं. ऐसे में अमेरिका भारत से लगातार संपर्क में है और यहां के नेताओं से कूटनीतिक स्तर पर बातचीत भी कर रहा है. अमेरिका की कोशिश है कि किसी तरह भारत रूस को युद्ध रोकने के लिए राजी करे क्योंकि दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्ते (India-Russia Diplomatic Relations) इस वक्त सबसे अधिक मजबूत हैं. 

भारत पर अमेरिका की उम्मीद

यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले कर रहे रूस पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका हर संभव प्रयास कर रहा है. US ने रूस करीब 5,000 से ज्यादा प्रतिबंध भी लगाए हैं लेकिन रूस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) भारत के भी संपर्क में हैं जिससे भारत के जरिए मॉस्को पर दबाव बनाया जा सके. US ने एक बार फिर कहा है कि वो रूसी आक्रमण के खिलाफ खड़े होने के लिए भारत के नेताओं के साथ बातचीत कर रहा है और चाहता है कि वे सहयोग करें. यह दिखाता है कि युद्ध रोकने के लिए अमेरिका की उम्मीद भारत के रुख पर टिकी है. 

अमेरिका का कहना है कि वो भारतीय नेताओं को रूसी आक्रमण के खिलाफ साथ मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहा है. इस संबंध में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "आप जानते हैं कि हम भारत के नेताओं के साथ अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के कई चैनलों के जरिए संपर्क में हैं. हम भारतीय नेताओं को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के यूक्रेन पर आक्रमण के खिलाफ साथ खड़े होने के लिए लगातार प्रोत्साहित करते रहे हैं."

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तटस्थ रहा है भारत का रुख

गौरतलब है कि अब तक इस युद्ध में भारत का रुख तटस्थ रहा है. वहीं भारत रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध में किसी भी तरह से रूस के खिलाफ नहीं दिखना चाहता है क्योंकि रूस भारत का सबसे पुराना कूटनीतिक साथी माना जाता है. इसके अलावा हथियारों पर भी भारत की रूस पर निर्भरता है. भारत इस मसले को कूटनीति से हल करने के पक्ष में रहा है. ऐसे में अमेरिका लगातार भारत पर रूस से युद्ध रोकने के मुद्दे पर बातचीत का दबाव बना रहा है. 

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