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Kisan Vikas Patra: अगर बीच में ही हो जाती है अकाउंट होल्डर की मौत तो कैसे होगा भुगतान, जानें यहां 

Kisan Vikas Patra: साल 2019 में बनाए गए नए नियमों के अनुसार अगर केवीपी अकाउंट होल्डर की बीच में ही मौत हो जाती है और कोई नॉमिनी नहीं है तो भी क्लेम करने वाले व्यक्ति को तय समय के मुताबिक रुपया मिल सकता है. 

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डीएनए हिंदी: किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra) भारतीय डाक की एक स्मॉल सेविंग स्कीम (Post Office Small Saving Scheme) है. इस स्कीम में कम से कम प्रति वर्ष एक हजार रुपये का निवेश किया जा सकता है. वहीं मैक्सीमम इंवेस्टमेंट की कोई लिमिट नहीं है, लेकिन निवेश की राशि 1000 रुपये के मल्टीपल में होना जरूरी है. इंडिया पोस्ट (India Post) की वेबसाइट के अनुसार, 30 सितंबर, 2022 को समाप्त तिमाही के लिए वर्तमान केवीपी ब्याज दर 6.9 फीसदी प्रति वर्ष (वार्षिक रूप से संयोजित) है, जो 124 महीनों में निवेश को दोगुना कर देगी.

केवीपी मैच्योरिटी और प्रीक्लोजर के नियम 
केवीपी अकाउंट होल्डर मैच्योरिटी से से पहले किसी भी समय बैंक या पोस्ट डाकघर में फॉर्म-3 आवेदन जमा करके खाता जल्दी बंद कर सकता है. इंडिया पोस्ट की वेबसाइट के अनुसार, समय से पहले बंद करने की अनुमति केवल नीचे दी गई शर्तों पर दी गई है:

  • किसी एकल खाते या संयुक्त खाते में किसी एक या सभी खाताधारकों की मृत्यु होने पर
  • एक राजपत्र अधिकारी होने के नाते एक गिरवीदार द्वारा जब्ती पर.
  • जब कोर्ट ने आदेश दिया.
  • जमा करने की तारीख से 2 साल 6 महीने बाद.

केवीपी नॉमिनेशन
सर्टिफिकेट को खरीदने के दौरान नॉमिनेशन किया जा सकता है, इसके लिए फॉर्म C भरना होगा. आप मैच्योरिटी से पहने कभी भी नॉमिनेशन कर सकते हैं. हालांकि, अगर आपके पास अलग-अलग तारीख पर 1 से ज़्यादा सर्टिफिकेट है, तो इस मामले में नॉमिनेशन व कैंसिलेशन के लिए अलग-अलग एप्लीकेशन होंगे.  यदि प्रमाण पत्र खरीदते समय ऐसा नामांकन नहीं किया जाता है, तो यह प्रमाण पत्र की खरीद के बाद किसी भी समय लेकिन परिपक्वता से पहले एकल धारक, संयुक्त धारकों या जीवित संयुक्त धारक द्वारा फॉर्म सी भरकर डाकघर या बैंक अधिकारी को, जिस पर प्रमाण पत्र पंजीकृत है में आवेदन जमा करके नॉमिनेशन कर सकता है.

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राष्ट्रीय बचत संस्थान के अनुसार नामांकन के नियम

  • नाबालिग द्वारा या उसकी ओर से आवेदन किए गए और धारित प्रमाणपत्र के संबंध में कोई नामांकन नहीं किया जाएगा.
  • इस नियम के तहत प्रमाण पत्र के धारक या धारकों द्वारा किया गया नामांकन फॉर्म डी में एक आवेदन जमा करके रद्द या परिवर्तित किया जा सकता है.
  • अलग-अलग तिथियों में पंजीकृत प्रमाण पत्रों के संबंध में नामांकन या नामांकन रद्द करने या नामांकन में बदलाव के लिए अलग-अलग आवेदन किया जाएगा.
  • नामांकन या नामांकन का रद्दीकरण या नामांकन में परिवर्तन उस तारीख से प्रभावी होगा जब वह डाकघर में रजिस्टर्ड होगा, जिसे प्रमाण पत्र पर नोट किया जाएगा.
  • पहली बार किए गए नामांकन के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, लेकिन बाद के नामांकन या रद्दीकरण के लिए डाकघर या बैंक द्वारा 20 रुपये का शुल्क लिया जाएगा. 

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केवीपी ​होल्डर की मौत के बाद क्या होता है
अगर पोस्ट ऑफिस में निवेश करने वाले किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है और उसने किसी को खाते या निवेश का नॉमिनी नहीं बनाया है तो निवेशित रकम के आधार पर अलग-अलग प्राधिकारी बिना कानूनी साक्ष्य के ही दावे को मंजूर कर सकते हैं. नियमों के अनुसार कोई उत्तराधिकार प्रमाणपत्र या वसीयत की प्रति या मृतक की संपत्ति का कोई पत्र नहीं मिलने पर भी अब अथॉरिटीज के पास यह अधिकार होगा कि व्यक्ति की मौत के 6 महीने बाद बिना किसी कानूनी सबूत के पैसे के दावे को स्वीकार कर लें. यह नियम सभी कोर-बैंकिंग सॉल्यूशंस (सीबीएस) और नॉन-सीबीएस डाकघरों के लिए लागू होगा. यह आदेश नए और लंबित दोनों ही प्रकार के दावों पर लागू होगी.

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