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क्या CBI बिना इजाजत किसी भी राज्य में कर सकती है छापेमारी? केंद्रीय एजेंसियों के लिए जांच के क्या हैं नियम

बिहार में सीबीआई (CBI) की छापेमारी के बाद सरकार ने 'सामान्य सहमति' को वापस ले लिया है. इसके बाद अब सीबीआई जब भी बिहार में छापेमारी के लिए जाएगी तो उसे राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी.

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डीएनए हिंदीः केंद्रीय एजेंसियों की ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद इन पर सवाल उठने लगे हैं. विपक्षी दल केंद्र सरकार पर इसके दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं. बिहार में भी पिछले दिनों सीबीआई (CBI) और ईडी (ED) ने आरजेडी (RJD) के कई नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसके बाद नीतीश सरकार ने बिहार में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की एंट्री बंद कर दी है. अब बिहार में सीबीआई तभी जा सकेगी जब राज्य सरकार उसे मंजूरी देगी. क्या केंद्रीय एजेंसियों को भी जांच के लिए राज्य सरकार की मंजूरी की जरूरत होती है? केंद्रीय एजेंसियों के लिए जांच के क्या नियम होते हैं इन्हें विस्तार से समझते हैं. 

CBI को जांच के लिए राज्य की लेनी होती है इजाजत?
CBI का पूरा नाम Central Bureau of Investigation होता है. इसे हिंदी में केंद्रीय जांच ब्यूरो के नाम से जाना जाता है. इसके पास पूरे भारत में जांच का अधिकार होता है. यह आपराधिक मामलों की जांच करने वाली देश की सबसे प्रोफेशल एजेंसी है. देश और विदेश स्तर पर होने वाले अपराधों जैसे हत्या, घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों और राष्ट्रीय हितों से संबंधित अपराधों की भारत सरकार की तरफ से जांच करती है. सीबीआई का गठन दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टैब्लिशमेंट एक्ट 1946 के तहत हुआ है. इस कानून की धारा 6 के मुताबिक, सीबीआई को किसी मामले की जांच करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी जरूरी है. 

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1963 में हुई थी स्थापना
सीबीआई की स्थापना 1963 में हुई थी. भारत सरकार राज्य सरकार की सहमति से किसी भी अपराधिक मामले की जांच करने कि जिम्मेदारी CBI को देती है. केंद्र सरकार उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय की सहमति के बिना ही इससे किसी भी मुद्दे पर जांच करा सकती है. सीबीआई भले ही केंद्र सरकार के अधीन है, लेकिन ये तभी किसी मामले की जांच करती है, जब हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट या केंद्र से आदेश मिलता है. अगर मामला किसी राज्य का है, तो जांच के लिए वहां की राज्य सरकार से अनुमति लेनी होती है. अगर सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट सीबीआई को जांच करने का आदेश देती है, तो फिर एजेंसी को राज्य सरकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी.

इन राज्यों में बैन है सीबीआई की एंट्री 
कई राज्यों में सीबीआई को 'सामान्य सहमति' से जांच का अधिकार है. इसका मतलब है कि सीबीआई इन राज्यों में जब चाहे राज्य सरकार की मंजूरी के बिना जांच के लिए जा सकती है. सामान्यतः केंद्र और राज्य में जिस पार्टी या गठबंधन की सरकार होती है वहां सीबीआई सामान्य सहमति से जांच करती है. 9 राज्यों मे फिलहाल सीबीआई की एंट्री बैन है. इनमें श्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, केरल, झारखंड और मेघालय जैसे राज्य शामिल हैं. 

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क्या ED और NIA को भी लेना होती है मंजूरी ?
सीबीआई की तरह एनआईए और ईडी भी केंद्रीय एजेंसियां हैं लेकिन इनके लिए नियम अलग होते हैं. एनआईए ज्यादातर राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकी मामलों की जांच करती है. इसके पास देश के किसी भी राज्य में जांच का अधिकार होती है. इसके राज्य सरकार से किसी भी तरह की इजाजत की जरूरत नहीं होती है. दूसरी तरह प्रवर्तन निदेशालय (ED) भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच करती है. इसे भी जांच के लिए राज्य सरकार की मंजूरी की इजाजत नहीं होती है.  

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