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यहां लगा पेट्रोल-डीजल के वाहनों पर बैन! क्या भारत सरकार भी ले सकती है ऐसा फैसला

Future of Electric Vehicles: कैलिफोर्निया में पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों की बिक्री को बैन किया जा सकता है. यूरोप में भी इससे जुड़ा एक फैसला जून में लिया गया था. भारत में भी इलेक्ट्रिक वाहनों के भविष्य को लेकर जमकर बहस जारी है.

यहां लगा पेट्रोल-डीजल के वाहनों पर बैन! क्या भारत सरकार भी ले सकती है ऐसा फैसला

Electric Vehicles

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डीएनए हिंदी: अमेरिका का राज्य कैलिफोर्निया एक बड़ा फैसला लेने जा रहा है. कैलिफोर्निया आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल से चलने वाले सभी वाहनों की बिक्री पर रोक लगाने का फैसला कर सकता है. कैलिफोर्निया का यह प्लान है कि वहां साल 2035 तक पेट्रोल-डीजल या फिर किसी भी तरह के फॉसिल फ्यूल से चलने वाले वाहनों की बिक्री पर रोक दी जाए और इसके बाद से  साल 2035 से कैलिफोर्निया में सिर्फ शून्य उत्सर्जन वाहन (zero-emission vehicles) की बिक्री की जाएगी. कैलिफोर्निया में लगातार जीरो एमिशन व्हिकल्स की बिक्री में लगातार इजाफा हो रहा है. इस साल बिकने वाली कारों में 16 फीसदी से ज्यादा जीरो एमिशन वाली हैं.

ऐसा नहीं है कि अकेले कैलिफोर्निया में इस तरफ के फैसले पर विचार किया जा रहा है. इससे पहले जून महीने में यूरोपीय संसद के सांसदों ने 2035 तक नए CO2 उत्सर्जक वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध के यूरोपीय आयोग के प्रस्ताव का समर्थन किया था. भारत में भी वाहन बाजार पर नजर रखने वाले लोगों का मानना है कि भविष्य में पेट्रोल-डीजल के वाहनों के मुकाबले EV की ब्रिक्री ज्यादा होगी.

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हालांकि अभी यह बहस का विषय है कि अमेरिका और यूरोपियन देशों की तरह भारत में इस तरह का फैसला लिया जा सकता है या नहीं. लेकिन कुछ समय पहले केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सरकार डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के पंजीकरण को रोकने की कोई योजना नहीं बना रही है. हालांकि यह भी एक सच है कि केंद्र सरकार भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से और व्यापक रूप से अपनाने और वैकल्पिक ईंधन जैसे इथेनॉल, बायो-एलएनजी, ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग की दिशा में जोर दे रही है.

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भारत में क्या है इलेक्ट्रिक कारों का भविष्य?
आज के समय में जब भी आम भारतीय कार खरीदने का मन बनाता है तो उसके मन में पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों को देखकर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का विचार जरूर आता होगा. इसी वजह से इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ लोगों का रुझान बढ़ भी रहा है. जानकारों का मानना है कि सिर्फ जनता ही नहीं बल्कि प्रदूषण और वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर दे रही है. इसीलिए भारत में भी इस बात पर चर्चा है कि हमारी सरकार यूरोप और कैलिफोर्निया की तरह आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल के वाहनों की बिक्री पर रोक लगाने का फैसला कर सकती है.

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क्या पेट्रोल-डीजल वाहन पूरी तरह हो जाएंगे खत्म?
हमारे देश में प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या है. इस प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाला धुआं एक बड़ी वजह है. केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें भी इसको लेकर चिंतत हैं. सरकारों की तरफ से प्रदूषण कम करने के लिए कई कदम भी उठाए गए हैं. हालांकि सड़क पर चलने वाली हर गाड़ी का प्रदूषण चेक करना सरकार के लिए थोड़ा मुश्किल है. इसलिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देकर इसे कम करने का प्रयास किया जा रहा है. पेट्रोल और डीजल कारों को पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सकता है लेकिन यह भी एक हकीकत है कि अब उनका भविष्य ज्यादा नहीं है.

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क्यों EV है भविष्य?
एक आम वाहन की अपेक्षा EV चलने और रखरखाव के मामले में सस्ता पड़ता है. एक ईवी पेट्रोल-डीजल वाले वाहन की अपेक्षा ईंधन/ऊर्जा और रखरखाव पर बहुत कम खर्च करवता है. दरअसल EV में गैसोलीन इंजन की तुलना में चलने वाले हिस्से कम होते हैं. यह ट्रांसपोर्ट का एक स्वच्छ और बेहतर तरीका प्रदान करता है. भारत में भी सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे निश्चित ही भविष्य में लाखों बैरल तेल की मांग में कमी आएगी. इसके अलावा भारत सरकार ने ईवी को प्रमोट करने के लिए तमाम रियायतें दी हुई हैं. ईवी खरीदने पर आपको टैक्स सेविंग में लाभ मिल सकता है. नीति आयोग का मानना है कि 2030 तक भारत में 80 फीसदी दोपहिया और तिपहिया, 40 फीसदी बसें और 30 से 70 फीसदी कारें इलेक्ट्रिक वाहन होंगी.

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