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Dalit atrocities: दलितों पर अत्याचार से भड़के कांग्रेस विधायक, सीएम गहलोत को भेजा इस्तीफा

राजस्थान में दलित उत्पीड़न को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ उनके ही विधायक उतर आए हैं. एक विधायक ने नाराज होकर मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेज दिया है.

Dalit atrocities: दलितों पर अत्याचार से भड़के कांग्रेस विधायक, सीएम गहलोत को भेजा इस्तीफा

कांग्रेस विधायक पाना चंद मेघवाल (फोटो सोर्स: Facebook )

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डीएनए हिंदी: राजस्थान (Rajasthan) के बारां जिले के अटरू विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक पानाचंद मेघवाल (Pana Chand Meghwal) ने सोमवार को राज्य में दलितों पर कथित अत्याचार के मामले से नाराज होकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को त्यागपत्र भेज दिया है . 

राजस्थान राज्य मानाधिकार आयोग ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर 26 अगस्त तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. जालोर के एक निजी स्कूल के शिक्षक की पिटाई के बाद एक दलित छात्र की मौत हो गई थी. दो दिन बाद सत्तारूढ़ दल के विधायक ने मुख्यमंत्री को यह त्यागपत्र दिया है. 

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कहां तक पहुंची है जांच?

वहीं राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए जालोर जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट 26 अगस्त तक आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया है. 

'आजादी के 75 साल पूरे लेकिन थमा नहीं दलितों पर अत्याचार'

आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जी के व्यास और रजिस्ट्रार मंगलवार को जालोर जाएंगे. मेघवाल ने अपने त्यागपत्र में जिक्र किया कि देश की आजादी को 75 साल हो गए हैं, लेकिन दलित और वंचित वर्गों पर अत्याचार जारी है. 

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'घड़े से पानी पीने पर दलितों को मारा जा रहा'

कांग्रेस विधायक ने कहा, 'मैं अत्याचार देखकर आहत हूं. जिस तरह से मेरे समुदाय पर अत्याचार हो रहा है, मैं अपने दर्द को शब्दों में बयां नहीं कर सकता. दलित और वंचितों को घड़े से पानी पीने, मूंछ रखने, बारात में घोड़ी पर सवार होने के नाम पर मारा जा रहा है.'

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पानाचंद मेघवाल ने कहा, 'न्यायिक प्रक्रिया ठप्प है और जांच की फाइलें एक टेबल से दूसरी टेबल पर भेजी जाती है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसा लगता है कि भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान में दिए गए दलितों के अधिकारों की रक्षा करने वाला कोई नहीं है.'

'विधानसभा में कई बार उठाए सवाल लेकिन एक्शन कुछ भी नहीं'

पनाचंद मेघवाल ने कहा, 'दलितों द्वारा दर्ज किए गए अधिकतम मामलों में पुलिस अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करती है, और मैंने कई बार राज्य विधानसभा में ऐसे मामले उठाए हैं लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.'

'अगर हम न्याय के लिए नहीं खड़े तो दे देंगे इस्तीफा'

कांग्रेस विधायक ने अपने पत्र में कहा, 'जब हम अपने समुदाय के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें न्याय दिलाने में विफल रहते हैं तो हमें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर मैं विधायक पद से इस्तीफा देता हूं ताकि बिना किसी पद के समाज की सेवा कर सकूं.'

क्या है पूरा केस?

जालोर के सायला थाना क्षेत्र के एक निजी स्कूल के छात्र की शिक्षक द्वारा पिटाई के बाद हुई मौत के मामले की जांच के लिए राज्य एससी/एसटी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा मामले की जांच के लिए सोमवार को जालोर पहुंचे. समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक एक दलित छात्र को 20 जुलाई को स्कूल में पीने के पानी के बर्तन को छूने के आरोप में एक शिक्षक ने कथित रूप से पीटा था.

शनिवार को अहमदाबाद के एक अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी. आरोपी शिक्षक छैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है और राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार के सदस्यों के लिए पांच लाख रुपये की राहत की घोषणा की है.

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