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पक्षियों में भी बढ़ रहा है ब्रेक-अप और 'तलाक', लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप और जलवायु परिवर्तन है बड़ी वजह

Birds Breakup News: एक स्टडी में सामने आया है कि लंबे समय पर प्रवास पर रहने वाले पक्षियों में भी ब्रेकअप जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं.

पक्षियों में भी बढ़ रहा है ब्रेक-अप और 'तलाक', लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप और जलवायु परिवर्तन है बड़ी वजह

प्रवासी पक्षियों को हो रही है समस्या

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डीएनए हिंदी: भारत में हर साल लाखों प्रवासी पक्षी (Migratory Birds) आते हैं. साइबेरिया में सर्दी के मौसम पर अच्छी-खासी बर्फ पड़ती है. इतनी ठंड में पक्षियों का वहां रह पाना आसान नहीं होता है. यही वजह है कि ये पक्षी दूसरे देशों में चले जाते हैं. कई अन्य पक्षी दूसरी वजहों से भी प्रवास करते हैं. यह प्रवास और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) पक्षियों के रिश्तों पर भी असर डालता है. एक स्टडी के मुताबिक, ज्यादातर पक्षी इस तरह के प्रवास के बाद अपने पुराने साथी के पास नहीं लौट पाते हैं और एक तरह से उनका ब्रेक-अप हो जाता है. रिसर्च में यह भी सामने आया है कि प्रजनन (Birds Breeding) यानी बच्चा पैदा करने के लिए भी मादा पक्षी अपने पुराने नर साथी का इंतजार नहीं करतीं और गर्भधारण के सीज़न में वे दूसरा साथी खोज लेती हैं.

इस तरह से उन पक्षियों का ब्रेकअप ज़्यादा होता है जो लंबी दूरी की यात्रा तय करके प्रवास पर चले जाते हैं. पक्षियों पर पड़ने वाले इस बुरे असर का सबसे बड़ा कारण इंसानी गतिविधि है. इंसानों की ओर से पैदा किए जा रहे प्रदूषण और कार्बन डाइ ऑक्साइड उत्सर्जन से इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षी भी परेशान हैं. जंगलों के कटने से पक्षियों के ब्रीडिंग, खाने-पीने और रहने की जगहें खराब हो रही हैं. रिसर्च के मुताबिक, 232 प्रजातियों के पक्षी अपने-अपने साथियों से अलग हो रहे हैं और 'तलाक' दी दर तेजी से बढ़ रही है.

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प्रवासी पक्षी

लंबी दूरी और प्रवास डालता है असर
यह रिसर्च चीन की सुन याट सेन यूनिवर्सिटी की रिसर्चर लियु यांग और उनके साथियों ने की है. इसमें पक्षियों की 232 प्रजातियों का अध्ययन किया गया. रिसर्च में यह सामने आया है कि उन पक्षियों में ब्रेक-अप और तलाक की दर ज्यादा है जो लंबे प्रवास पर जाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार ये पक्षी ऐसी जगहों पर चले जाते हैं जहां से ये वापस भी नहीं लौट पाते. रास्ते में अलग-अलग जलवायु उन्हें प्रभावित करती है. उन पर शारीरिक और मानसिक दबाव भी बढ़ जाता है.

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रिसर्च में यह भी सामने आया है कि उड़ने वाले पक्षियों के अलावा पेंग्विंस में भी तलाक की दर 85 प्रतिशत बढ़ गई है. जलवायु परिवर्तन के चलते पक्षियों के उड़ने की क्षमता, प्रजननन क्षमता और उनके मानसिक संतुलन पर भी बुरा असर पड़ रहा है. उदाहरण के लिए, भारत में सर्दियां आने और जाने का पैटर्न तेजी से बदला है. ऐसे में साइबेरिया से आने वाले पक्षियों को ब्रीडिंग में कई तरह की समस्याएं आती हैं.

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