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Russian Ukraine war: Crude Oil का शतक, भारत की अर्थव्यवस्था पर खतरा!

रूस और यूक्रेन की लड़ाई के बीच क्रूड ऑयल 100 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया है. इसका असर भारत क इकॉनोमी पर भी देखने को मिलेगा.

Russian Ukraine war: Crude Oil का शतक, भारत की अर्थव्यवस्था पर खतरा!
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डीएनए हिंदी: यूक्रेन पर रूस के हमले (world war 3) के बाद बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ऑयल फ्यूचर्स ने 7 साल के बाद 100 डॉलर प्रति बैरल के आंकड़े को छू लिया है. साल 2014 के बाद पहली बार तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं हैं. बता दें कि महंगे कच्चे तेल का असर आपको सिर्फ पेट्रोल पंप पर ही नहीं बल्कि आपके रोजाना के जीवन में भी देखने को मिलेगा. जानिए मंहगा क्रूड देश की इकॉनोमी और आपको कैसे प्रभावित करेगा.  

सरकार की आय (Tax collection of Government)   

4 जनवरी को क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल के आस पास था. उस समय दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये प्रति लिटर थी. वहीं अब पेट्रोल के लागत मूल्य में करीब 25 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है. कच्चे तेल के लागत मूल्य में सीधे सीधे 10 रुपये की बढ़त हो चुकी हैं. कयास लगाया जा रहा है कि 10 मार्च को चुनाव का नतीजा आने के बाद सरकार धीरे-धीरे ही सही पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोतरी कर सकती है.  

पेट्रोल और डीजल की किमत में कटौती

मोदी सरकार ने 3 नवंबर को पेट्रोल और डीजल (Petrol and Diesel) पर एक्साईज ड्यूटी (Excise Duty) में 5 और 10 रुपये की कटौती की थी. इस दौरान कई राज्य सरकारों ने भी VAT कम किया था. हालांकि आपका यह जानना बेहद जरूरी है कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स कर राज्य और केन्द्र सरकारों के लिए कमाई का बड़ा जरिया है. पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर भारत में उंची दर पर टैक्स लगाया जाता है जिसकी दर हमारे पड़ोसी देशों से भी कहीं ज्यादा है. 

टैक्स रेट की समीक्षा 

पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से आम जनता को राहत देने के लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों को टैक्स रेट की समीक्षा करनी पड़ेगी. गौरतलब है कि केन्द्र सरकार पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर Excise Duty और राज्य सरकारें VAT नामक कर लगाते हैं. ऐसे में राज्य और केन्द्र सरकारों दोनो की आय पर बुरा असर पड़ेगा. इस हालत में सरकारें अपने विकास कार्यों में होने वाले खर्च में कटौती कर सकती हैं. 

वित मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा को बताया था कि पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले Central Excise Duty से केन्द्र सरकार ने वित्त वर्ष 2019 में 2,10,282 करोड़, 2020 में 2,19,750 करोड़ और 2021 में 3,71,908 करोड़ रुपये कमाए थे.

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अभिषेक सांख्यायन की रिपोर्ट

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