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Hydrogen Bomb दुनिया के लिए बड़ी चुनौती, क्या हुआ था पहले परीक्षण के बाद?

1961 में सोवियत यूनियन ने भी आर्कटिक महासागर में अब तक का सबसे बड़ा धमाका किया था.

Hydrogen Bomb दुनिया के लिए बड़ी चुनौती, क्या हुआ था पहले परीक्षण के बाद?
Hydrogen Bomb The big challenge for the world, what happened after its first test?
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डीएनए हिंदीः आज के दिन 1954 में पहली बार अमेरिकी सेना ने हाइड्रोजन बम (Hydrogen Bomb) का परीक्षण किया जो  इतिहास में उस समय का सबसे बड़ा विस्फोट किया गया था.  वैज्ञानिकों की मानें तो यह हिरोशिमा को नष्ट करने वाले परमाणु बम से भी कई गुना ज्यादा शक्तिशाली धमाका था. इस परीक्षण ने जहां एक ओर सारी दुनिया का ध्यान परमाणु सुरक्षा की ओर खींचा है, वहीं दूसरी ओर हाइड्रोजन बम के निर्माण तथा इसके प्रभाव के विषय में लोगों की जिज्ञासा भी बढ़ाई. पढ़िए आरती राय की खास रिपोर्ट     

क्या है हाइड्रोजन बम?
हाइड्रोजन बम परमाणु बम का एक प्रकार है. हाइड्रोजन बम या एच-बम (H-Bomb) अधिक शक्तिशाली परमाणु बम होता है. हाइड्रोजन बम को थर्मोन्यूक्लियर बम (Thermonuclear Bomb) अथवा “एच बम” भी कहा जाता है. इसमें हाइड्रोजन के (isotopes) deuterium और ट्रिटियम को हाई टेम्परेचर पर परमाणुओं के साथ फ्यूज़न करने से बम का विस्फोट होता है. इससे न्यूट्रॉन के समूह फ्री हो जाते हैं और यूरेनियम की एक परत इस विस्फोटक श्रृंखला के चारों-ओर एक घेरा बना लेती है, जिससे यूरेनियम की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली  विस्फोट उत्पन्न होता है. 

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रूस ने किया अब तक का सबसे बड़ा विस्फोट
अमेरिका के इस प्रशिक्षण के बाद तो जैसे दुनिया को एक नई होड़ लग गई. इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए  30 अक्टूबर 1961 में सोवियत यूनियन ने भी आर्कटिक महासागर में अब तक का सबसे बड़ा धमाका कर खुद हाइड्रोजन बम के सफल प्रशिक्षण करने वाले देश के तौर पर स्थापित किया. अमेरिका और सोवियत यूनियन के सफल प्रशिक्षण के बाद ब्रिटेन, चीन, फ्रांस द्वारा भी हाइड्रोजन बम रखने वाले देशों की फेहरिस्त में शामिल हुए. हालांकि आज तक किसी भी युद्ध में इतने शक्तिशाली हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया गया है. सुरक्षा के लिए बनाये गए ये हथियार पूरी दुनिया और मानवता के लिए एक भारी खतरा है. 

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परमाणु बम का परीक्षण 16 जुलाई 1945 में अमेरिका ने अलामोगोर्डो के रेगिस्तान में किया गया था. इसके बाद शुरू परमाणु परीक्षण का सिलसिला शुरू हुआ. 1945 से ले कर 1996 में व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि (CTBT) के उद्घाटन के बीच के पांच दशकों में, पूरी दुनिया में 2,000 से अधिक परमाणु परीक्षण किए गए. सितंबर 1996 में The Comprehensive Test Ban Treaty (CTBT) की शुरआत के बाद से हस्ताक्षर के लिए  जाने के बाद से अब तक 10 परमाणु परीक्षण किए जा चुके है. 
 
कब किसने किया परीक्षण

संयुक्त राज्य अमेरिका ने 1945 और 1992 के बीच 1,032 परीक्षण किए 

सोवियत संघ ने 1949 से 1990 के बीच 715 परीक्षण किए. 

यूनाइटेड किंगडम ने 1952 और 1991 के बीच 45 परीक्षण किए. 

फ्रांस ने 1960 और 1996 के बीच 210 परीक्षण किए. 

चीन ने 1964 से 1996 के बीच 45 परीक्षण किए. 

भारत ने 1974 में 1 परीक्षण किया. 
 
सितंबर 1996 में The Comprehensive Test Ban Treaty (CTBT) की शुरआत के बाद से हस्ताक्षर के लिए  जाने के बाद से अब तक 10 परमाणु परीक्षण किए जा चुके है.

भारत ने 1998 में दो परीक्षण किए.

1998 में पाकिस्तान ने दो परीक्षण किए.

डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया ने 2006, 2009, 2013, 2016 और 2017 में परमाणु परीक्षण किए.

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