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Porn Addiction: सार्वजनिक जगहों पर पोर्न देखना बीमारी है या नशा? जानिए क्या कहती है रिसर्च

कई बार ऐसी खबरें आती है कि लोग सार्वजनिक जगहों, दफ्तर या काम पर पॉर्न देखते पाए गए. ये बीमारी है या नशा? चलिए जानें.

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Porn Addiction: सार्वजनिक जगहों पर पोर्न देखना बीमारी है या नशा? जानिए क्या कहती है रिसर्च

सार्वजनिक जगहों पर पोर्न देखना बीमारी है या नशा? जानिए क्या कहती है रिसर्च
 

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डीएनए हिंदीः बहुत से कर्मचारी काम के दौरान, ब्रेक में या पब्लिक प्लेस में ही पार्न साइट देखने लगते हैं. जाहिर सी बात है ऐसा करना सामान्य क्रिया में नहीं आता, लेकिन अगर कोई ऐसा करता है तो इसके पीछे क्या वजह हो सकती है. क्या वह अपने रिलेशनशिप में खुश नहीं या उसके टेस्टीस्टेरॉन का हाई लेवल जिम्मेदार है या ये कोई सिंड्रोम है. इस विशष पर कई स्टडीज हुई हैं और जो सच सामने आया है उसे आपको भी जानना चाहिए. 

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डिजिटल लाइफ़स्टाइल पत्रिका 'सुगरकुकी' के वैश्विक सर्वेक्षण से यह पता चला है कि 60 प्रतिशत से अधिक लोग ऑफ़िस में काम करते हुए पोर्न देख लेते हैं.  साल 2020 में सुरक्षा फ़र्म केसपरस्काई के सर्वे में  घर से काम करने वाले आधे से अधिक कर्मचारियों ने स्वीकार किया है कि वे ऐसे कंप्यूटर या मोबाइल फ़ोन पर एडल्ट कंटेंट देखने में संकोच नहीं करते हैं, जो उन्हें ऑफ़िस का काम करने के लिये दिए गए थे.

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पोर्न साइट 'पोर्नहब' के लिए पिछले साल की गई एक वैश्विक रिसर्च इसकी पुष्टि करती है, कि लोग काम के घंटों के दौरान पोर्न देखते हैं. पोर्न देखने वालों की सबसे अधिक संख्या रात 10 बजे से 1 बजे के बीच होती है और उसके बाद शाम 4 बजे का समय होता है, यानी वो समय जब ऑफ़िस का समय समाप्त हो रहा होता है.

मनोवैज्ञानिक शोध बताते हैं कि पॉर्न देखने के पीछे एक नहीं कई वजहें जिम्मेदार होती हैं. आइए इन वजहों पर नजर डालें.

  • सबसे आम कारण बोर होना होता है. काम न होने पर लोग पॉर्न देखकर खुद को एंटरटेन करते हैं.
  • दूसरे बड़े कारण में तनाव शामिल होता है. स्ट्रेस ब्रस्टिंग के रूप में पार्न साइट भी देखी जाती है.
  • लव रिलेशनशिप में तनाव, असंतुष्टि और शारीरिक सुख न मिल पाना भी इसके लिए जिम्मेदार है. पार्न साइट देखकर मानसिक सेटिस्फेक्शन मिलता है.
  • एडल्ट कंटेंट कई बार रियल लाइफ में न मिल पाने वाले सुख का वर्चुअल आंनद लेना होता है. 
  • नई तकनीक, तरीके और फेंटेसी के लिए इसे देखा जाता है.

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ब्रिटेन में बर्मिंघम सिटी यूनिवर्सिटी में व्यावसायिक स्वास्थ्य मनोविज्ञान के प्रोफ़ेसर क्रेग जैक्सन के अनुसार लगभग ये सभी कारक वर्कप्लेस पर एडल्ट कंटेंट देखने की वजह बनते हैं. क्योंकि ज्यादातर लोग वर्क प्लेस पर या तो खुद को रिलेक्स करना चाहते हैं या अपने तनाव को कुछ देर में कम कर काम पर जुटने की कवायद में होते हैं. 

क्रेग जैक्सन ने यह भी जोड़ा की किसी भी तरह की असंतुष्टि ही चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक वर्क प्लेस पर पार्न देखने को उकसाती है. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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