Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

बीते दो साल में भारतीय ‘वेब 3.0’ स्टार्टअप बढ़कर हुए 450 से ज्यादा, चार बन चुके हैं यूनिकॉर्न 

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘बीते दो साल में भारतीय ‘वेब 3.0’ स्टार्टअप बढ़कर 450 से अधिक हो गए जिनमें से चार तो यूनिकॉर्न हैं.

बीते दो साल में भारतीय ‘वेब 3.0’ स्टार्टअप बढ़कर हुए 450 से ज्यादा, चार बन चुके हैं यूनिकॉर्न 
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: भारत में थर्ड जेनरेशन के वेब आधारित 450 से अधिक स्टार्टअप हैं जिन्होंने पिछले दो वर्षों में 1.3 अरब डॉलर (करीब 10,700 करोड़ रुपये) जुटाए हैं. टेक कंपनियों के टॉप ऑर्गनाइजेशन नैसकॉम और वेंचर कैपिटल फंड हाशेद इमर्जेंट की एक साझा रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को यह जानकारी दी गई. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस रिपोर्ट में और क्या-क्या कहा गया है. 

पहले टियर के शहरों में है 80 फीसदी स्टार्टअप
इस रिपोर्ट के मुताबिक 80 फीसदी से अधिक भारतीय 'वेब 3.0' स्टार्टअप पहली टियर के शहरों में हैं. हालांकि जयपुर, वडोदरा, अहमदाबाद, कोलकाता, त्रिवेंद्रम और कोयंबटूर जैसे दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में भी परिवेश तेजी से विकसित हो रहा है और ये शहर 'वेब 3.0' स्टार्टअप के केंद्रों के तौर पर उभर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, ''बीते दो साल में भारतीय 'वेब 3.0' स्टार्टअप बढ़कर 450 से अधिक हो गए जिनमें से चार तो यूनिकॉर्न हैं. 

Dhanteras 2022: देश के टॉप ज्वेलर्स गोल्ड और डायमंड की ज्वेलरी पर रहे हैं खास ऑफर्स, पढ़ें डिटेल 

1.3 अरब डॉलर का निवेश जुटाया 
इन्होंने अप्रैल 2022 तक कुल 1.3 अरब डॉलर का निवेश जुटाया है. 2021-2022 के बीच भारत में 170 से अधिक नए 'वेब 3.0' स्टार्टअप बने जिन्होंने 2015 के बाद से 50 फीसदी से अधिक चक्रीय वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दी. रिपोर्ट कहती है कि वैश्विक निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी और भरोसे की वजह से भारत के 'वेब3Ó और 'वेब 2.5' स्टार्टअप में निवेश भी बढ़ रहा है और 2021 की तीसरी तिमाही तक नए दौर के इन नवोन्मेषकों ने 58.7 करोड़ डॉलर से अधिक वित्तपोषण जुटाया है. 

Diwali Offer: एक रुपया दिए बिना घर लेकर जाएं होंडा का टू-व्हीलर्स, पढ़ें डिटेल

दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश 
नैसकॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष ने कहा कि यह देखकर खुशी होती है कि भारत में उद्योग और सरकारी क्षेत्र के हितधारक ब्लॉकचेन तकनीक के प्रति बहुत व्यावहारिक दृष्टिकोण अपना रहे हैं और स्वास्थ्य तथा सुरक्षा, वित्त, उद्यम तकनीक और जमीन की रजिस्ट्री से लेकर शिक्षा जैसे क्षेत्रों में इसके उपयोग की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. रिपोर्ट में लगाए गए एक अनुमान के मुताबिक वैश्विक 'वेब 3.0' कौशल में से 11 फीसदी से अधिक भारत में हैं जिसके साथ देश दुनियाभर में 'वेब 3.0' का तीसरा सबसे बड़ा स्थल है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement
Advertisement