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राष्ट्रपति Droupadi Murmu कार्यकाल के आखिरी दिन भी रचेंगी ये इतिहास, कोविंद के नाम भी दर्ज हुआ ये रिकॉर्ड

Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहली आदिवासी महिला के रूप में देश से सबसे बड़े संवैधानिक पद की शपथ लेकर इतिहास बना दिया है. उनकी विदाई के दौरान भी एक रिकॉर्ड बनेगा.  

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राष्ट्रपति Droupadi Murmu कार्यकाल के आखिरी दिन भी रचेंगी ये इतिहास, कोविंद के नाम भी दर्ज हुआ ये रिकॉर्ड

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  

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डीएनए हिंदीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) अपने शपथ ग्रहण के साथ ही कई रिकॉर्ड बना चुकी हैं. वह इस पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला तो हैं ही इसके साथ ही वह सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति भी हैं. द्रौपदी मुर्मू आजाद भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति है. उनके कार्यकाल के दौरान तो कई रिकॉर्ड बन की सकते हैं लेकिन उनकी विदाई पर एक रिकॉर्ड बनना तय है. 

विदाई पर बनेगा ये रिकॉर्ड
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सेंट्रल विस्टा (Central Vista) प्रोजेक्ट में बन रहे नए संसद भवन से विदाई लेने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी. इस संसद भवन का निर्माण अगले साल तक पूरा हो जाएगा. इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने भी एक इतिहास रच दिया है. वर्तमान संसद भवन से विदाई लेने वाले वह आखिरी राष्ट्रपति हैं. इससे पहले विलियम माउंटबेटन से लेकर अब तक के सभी राष्ट्रपतियों ने विदाई इसी संसद भवन से ली है.  

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कब तैयार हुआ था संसद भवन
बता दें कि वर्तमान संसद भवन का निर्माण अंग्रेजों के शासनकाल में हुआ था. इस संसद भवन की आधारशिला 12 फरवरी 1921 को द डय़ूक ऑफ कनॉट ने रखी थी. 6 साल में इस संसद भवन का निर्माण हुआ. भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी 1927 को इसका उद्घाटन किया. कहा जाता है कि उस वक्त संसद भवन के निर्माण में 83 लाख रुपये का खर्च आया था. संसद भवन का डिजाइन ब्रिटिश आर्किटेक्ट एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स और सर हर्बर्ट बेकर ने की थी. 

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नए संसद भवन में क्या होगा खास 
बात नए संसद भवन की करें तो यह कई मामले में खास होगा. वर्तमान संसद भवन के ठीक बराबर में बन रहा यह संसद भवन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा है. यह करीब 64,500 वर्ग मीटर में फैला है. नए संसद भवन में सांसदों के बैठने के लिए काफी जगह होगी. इसमें लोकसभा पुराने संसद भवन की अपेक्षा करीब तीन गुना बड़ी होगी. इसमें 888 सांसदों के बैठने की जगह होगी. इतना ही नहीं राज्यसभा में भी 326 सांसदों के बैठने की जगह होगी जबकि वर्तमान संसद में सिर्फ 250 सांसदों के बैठने की जगह है. सांसदों के बैठने के लिए जगह कम होने के कारण ही नई संसद की जरूरत पड़ी थी. नए संसद भवन के संयुक्त सत्र में भी 1224 सदस्यों के बैठने की जगह होगी. नया संसद भवन पुराने की अपेक्षा अधिक भव्य होगा. इसमें सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम होंगे. इस संसद भवन में सभी मंत्रियों के बैठने के लिए भी जगह होगी.  

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